एक दिन में 4.48 लाख रुपये तक सस्ती कार—सुनकर झटका लगता है, पर यही हुआ है। GST 2.0 के बाद Kia India ने अपने पूरे ICE पोर्टफोलियो पर नई कीमतें लागू कर दी हैं। 22 सितंबर 2025 से Carnival, Syros, Sonet, Seltos और Carens खरीदने वालों की जेब पर सीधा असर दिखेगा। कंपनी का दावा है, सरकार ने जितनी GST राहत दी है, उतनी ही पूरी तरह ग्राहकों तक पहुंचाई जा रही है।
GST 2.0 के बाद किआ की बड़ी कटौती: कौन सा मॉडल कितना सस्ता
3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं GST काउंसिल मीटिंग के फैसलों के बाद ऑटो सेक्टर में कर दरों में बड़े बदलाव हुए। किआ ने उसी के अनुरूप कीमतें घटाईं। मॉडल-वाइज तस्वीर यूं है:
- Carnival: सबसे तीखी कटौती—कुल 4.48 लाख रुपये तक। इस मॉडल पर टैक्स 50% से घटकर 10% होने से सीधा असर पड़ा।
- Syros (कॉम्पैक्ट SUV): 1.86 लाख रुपये तक सस्ती। हाल ही में लॉन्च हुई है, इसलिए शुरुआती मांग और तेज होने की उम्मीद।
- Sonet (एंट्री-लेवल SUV): 1.64 लाख रुपये तक सस्ती। इस सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा तगड़ी है, कटौती से वैल्यू-फॉर-मनी बढ़ेगा।
- Seltos (मिड-साइज SUV): 75,372 रुपये तक की राहत। वॉल्यूम मॉडल होने के कारण प्रभाव व्यापक दिखेगा।
- Carens (MPV): 48,513 रुपये तक सस्ती। फैमिली-फोकस खरीदारों के लिए फायदे की डील।
- Carens Clavis वेरिएंट: 78,674 रुपये तक कटौती। फीचर-पैक वेरिएंट पर सीधे लाभ का असर।
यह कटौती किस वजह से? पेट्रोल कारों पर GST 29% से घटकर 18%, डीजल पर 31% से 18%, और बड़े वाहनों पर 45% से 40% हुआ। Carnival जैसे कुछ बड़े MPV/वैन सेगमेंट पर टैक्स 50% से 10% तक गिर गया—यही वजह है कि इस मॉडल में सबसे बड़ी गिरावट दिखी।
किआ इंडिया के एमडी और सीईओ ग्वांगगू ली ने इसे “नागरिक-केंद्रित और दूरदर्शी सुधार” कहा। कंपनी का मानना है कि सस्ती कीमतें त्योहारों से पहले खरीदारों की भावनाओं को पॉजिटिव करेंगी, शोरूम ट्रैफिक बढ़ेगा और डीलरशिप्स पर बुकिंग्स में तेज उछाल आएगा।
ध्यान रहे, यह बदलाव कंपनी के ICE (इंटरनल कम्बशन इंजन) मॉडलों पर लागू है। इलेक्ट्रिक कारें अलग कर ढांचे में आती हैं, उन पर यह सीधे लागू नहीं होता।

खरीदारों के लिए इसका मतलब क्या है
नई कीमतें एक्स-शोरूम पर लागू होती हैं। आपके ऑन-रोड प्राइस में RTO टैक्स, इंश्योरेंस और हैंडलिंग भी शामिल होते हैं, इसलिए राज्य के हिसाब से कुल बचत अलग-अलग दिखेगी। फिर भी, एक्स-शोरूम घटने से EMI पर साफ असर पड़ता है। आसान गणित समझें—5 साल के लोन पर 10% ब्याज दर पर हर 1 लाख रुपये के लिए EMI लगभग 2,100-2,200 रुपये पड़ती है। यानी Sonet पर 1.64 लाख की कटौती से मासिक EMI करीब 3,400-3,600 रुपये तक कम हो सकती है।
त्योहारी सीजन में आमतौर पर नई कार खरीद का पीक होता है। डीलर इन्वेंटरी क्लियरेंस, फेस्टिव ऑफर्स और अब टैक्स कटौती—तीनों साथ आए हैं। नतीजा? टेस्ट ड्राइव स्लॉट फुल, पॉपुलर कलर/ट्रिम पर इंतजार, और कुछ वेरिएंट्स पर डिलीवरी टाइमलाइन घटकर “रेडी-टू-डिलीवर” तक पहुंच सकती है।
क्या बुकिंग करवाने वालों को भी फायदा मिलेगा? कंपनी ने कहा है—पूरी राहत ग्राहक तक जाएगी। आमतौर पर ऐसा लाभ “इनवॉइस डेट” से तय होता है। अगर आपकी कार 22 सितंबर या उसके बाद बिल हो रही है, तो नई कीमत लागू होनी चाहिए। फिर भी, अपने डीलर से अपडेटेड प्रो-फॉर्मा इनवॉइस लेकर लिखित पुष्टि लें। अगर एडवांस में पुरानी कीमतें कैलकुलेट हुई थीं, तो डिफरेंस एडजस्ट होने की मांग करना बिल्कुल जायज़ है।
पुरानी कार बाजार पर असर भी ध्यान देने लायक है। नई कीमतें नीचे आने से खासकर Carnival जैसे मॉडल की रीसेल वैल्यू पर दबाव पड़ेगा। अगर आपने हाल में बड़ा MPV खरीदा है और अपग्रेड सोच रहे थे, तो वैल्यूएशन दोबारा करवाएं—डीलर एक्सचेंज और स्वतंत्र यूज्ड-कार प्लेटफॉर्म, दोनों से ऑफर लेकर तुलना करें।
अब कर ढांचे में क्या बदला, एक नज़र:
- पेट्रोल कार: GST 29% → 18%
- डीजल कार: GST 31% → 18%
- लार्ज व्हीकल्स/SUV सेगमेंट: 45% → 40%
- कुछ बड़े MPV/वैन (उदा. Carnival): 50% → 10%
इससे क्या नहीं बदला? राज्य-स्तर का रोड टैक्स, रजिस्ट्रेशन फीस और कुछ शहरों में ग्रीन सेस जैसी लेवी अलग रहती हैं। दिल्ली-NCR जैसी जगहों पर डीजल गाड़ियों से जुड़ी स्थानीय पॉलिसी वैसी ही लागू है। यानी खरीद सस्ती हुई है, पर सभी लोकल फीस जस की तस रहेंगी।
Syros और Sonet जैसे कॉम्पैक्ट SUVs में कटौती की वजह से पहली बार कार खरीदने वालों के लिए एंट्री प्वाइंट नीचे आया है। Seltos के टॉप ट्रिम्स पर फीचर-टू-प्राइस रेशियो अब और बेहतर दिखेगा—ADAS, 360 कैमरा, वेंटिलेटेड सीट्स जैसे फीचर्स के साथ कम आउटगो, यह सेगमेंट में कड़ा संदेश है। Carens फैमिलीज़ के लिए हमेशा से प्रैक्टिकल थी; अब स्कूल रन से लेकर लॉन्ग रोड-ट्रिप तक, वही पैकेज ज्यादा किफायती पड़ेगा।
डीलरशिप स्तर पर क्या होगा? पुराने स्टॉक पर नई प्राइस-लिस्ट लागू करनी होगी। ऐसे में कुछ वैरिएंट्स पर तुरंत डिलीवरी मिल सकती है, क्योंकि डीलर कीमत-रीअलाइनमेंट के बाद फास्ट मूविंग ट्रिम्स को पहले पुश करेंगे। जो ग्राहक फाइनेंस ले रहे हैं, वे अपने बैंक/NBFC से नया सैनक्शन लेटर बनवाएं, क्योंकि ऑन-रोड घटने से लोन अमाउंट, प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस प्रीमियम—all तीनों में समायोजन होगा।
इंश्योरेंस की बात करें, तो IDV (Insured Declared Value) आमतौर पर एक्स-शोरूम प्राइस पर आधारित होता है। नई, कम एक्स-शोरूम कीमत के साथ आपका प्रीमियम भी थोड़ा कम हो सकता है—but सिर्फ रिन्यूअल/नए पॉलिसी पर। यह डिस्काउंट क्लेम-फ्री बोनस से अलग होता है, इसलिए एजेंट से अलग-अलग कंपोनेंट साफ-साफ समझ लें।
बाजार प्रतिस्पर्धा पर असर साफ है। कॉम्पैक्ट और मिड-साइज SUV सेगमेंट में कीमतें संवेदनशील होती हैं—यह कटौती फीचर-लैडन ट्रिम्स को भी और आकर्षक बनाएगी। बड़ी कटौती Carnival पर है, तो प्रीमियम MPV सेगमेंट में अपग्रेड का मन बना रहे ग्राहकों के लिए यह सही समय हो सकता है।
खरीदारों के लिए त्वरित चेकलिस्ट:
- कंपनी की अपडेटेड प्राइस-लिस्ट से अपने वेरिएंट की नई एक्स-शोरूम कीमत मिलान करें।
- डीलर से नया ब्रेक-अप लें—RTO, इंश्योरेंस, हैंडलिंग अलग दिखे।
- यदि बुकिंग पहले हुई है, तो प्रो-फॉर्मा इनवॉइस संशोधित कराएं और लाभ लिखित में फिक्स कराएं।
- फाइनेंस दोबारा कैलकुलेट करें—EMI, डाउन पेमेंट और लोन-टू-वैल्यू अपडेट करवाएं।
- एक्सचेंज कर रहे हैं तो दो-तीन अलग सोर्स से वैल्यूएशन लें।
आखिर में, यह कदम सिर्फ सस्ती खरीद तक सीमित नहीं है। टैक्स स्ट्रक्चर आसान होने से इंडस्ट्री की प्लानिंग—प्राइसिंग, इन्वेंटरी और फोरकास्टिंग—तीनों में स्पष्टता बढ़ती है। त्योहारों के महीनों में इसका पॉजिटिव असर रिटेल में दिखने की पूरी उम्मीद है। किआ ने गेंद अपने पाले से ग्राहकों की तरफ उछाली है; अब नज़र इस पर रहेगी कि बाकी ब्रांड कितनी तेजी से अपनी कीमतें और ऑफर्स एडजस्ट करते हैं।