मेक्सिको की फातिमा बॉश ने 2025 का मिस यूनिवर्स खिताब जीता, भारत की मणिका विश्वकर्मा टॉप 12 से बाहर

मेक्सिको की फातिमा बॉश ने 2025 का मिस यूनिवर्स खिताब जीता, भारत की मणिका विश्वकर्मा टॉप 12 से बाहर

20 नवंबर, 2025 को थाइलैंड में हुए 74वें मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के फाइनल में मेक्सिको की फातिमा बॉश को टाइटल दिया गया — लेकिन एक ऐसे विवाद के बीच जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। उसी रात, भारत की प्रतिनिधि मणिका विश्वकर्मा, जो राजस्थान के श्रीगंगानगर से हैं, स्विमसूट राउंड के बाद टॉप 12 से बाहर हो गईं। वह एक सफेद मोनोकिनी में आई थीं, जिस पर सोने के डिटेल्स थे। जजों को उनकी प्रस्तुति इतनी प्रभावित नहीं कर पाई। यह भारत के लिए लगातार दूसरा वर्ष है जब कोई प्रतियोगी टॉप 12 तक नहीं पहुंच पाया। 2021 में हरनाज़ कौर संधू के बाद से अब तक चार साल हो गए — और भारत का अंतरराष्ट्रीय सुंदरता खिताबों का तालाब अभी भी सूखा हुआ है।

विवाद का बीच में जीत: फातिमा बॉश का अनोखा कदम

फातिमा बॉश की जीत उतनी ही चर्चित है जितनी उनकी शाम का वह अनोखा कदम। जब जजों ने टॉप 12 के लिए नाम घोषित करना शुरू किया, तो बॉश ने अचानक अपने गाउन और हील्स में ही पैर रखकर प्रस्तुति कक्ष से बाहर निकल गईं। यह घटना एक लंबे समय तक चलने वाले निर्णय प्रक्रिया के बीच में हुई — और इसे द फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने ‘लैंडमार्क वॉकआउट’ कहा। लेकिन अजीब बात यह है कि जब उन्हें फाइनल में चुना गया, तो वह वापस आ गईं और टाइटल जीत लिया। क्या यह एक रणनीति थी? या फिर एक भावनात्मक विद्रोह? कोई नहीं जानता। लेकिन इस विवाद ने पूरी प्रतियोगिता को एक नए आयाम में ले गया।

मणिका विश्वकर्मा: टॉप 30 से टॉप 15 तक, फिर अचानक बाहर

मणिका विश्वकर्मा का सफर शुरू हुआ एक चमकदार नीले मोनोकिनी के साथ — जिसे द इंडियन एक्सप्रेस ने ‘मिस यूनिवर्स 2025 का स्टेज जला दिया’ कहा। उन्होंने प्रीलिमिनरी में शानदार प्रदर्शन किया, टॉप 30 में जगह बनाई, फिर टॉप 15 तक पहुंच गईं। लेकिन जब स्विमसूट राउंड आया, तो वह टॉप 12 में शामिल नहीं हो सकीं। उनके निकाले जाने के बाद, भारतीय सोशल मीडिया पर #WhereIsManika ट्रेंड हुआ। कई लोगों ने कहा कि जजों की पसंद अंतरराष्ट्रीय रूप से अनुचित थी। क्या यह एक निर्णय था जिसमें बॉडी शेप, नहीं तो सांस्कृतिक पूर्वाग्रह शामिल था? यह अभी भी एक खुला सवाल है।

जजों का इस्तीफा और विवाद का दायरा बढ़ा

लेकिन विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। दो जज — ओमर हरफूच (लेबनानी-फ्रेंच संगीतकार और यूनेस्को कलाकार शांति) और जोनास स्टेल वॉन होल्स्टीन (स्वीडिश पत्रकार) — ने 20 नवंबर को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ‘अनाधिकृत जूरी’ ने फाइनलिस्ट्स का चयन किया था। यह बात बहुत गंभीर थी। लेकिन तुरंत मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन ने एक आधिकारिक बयान जारी किया: ‘कोई अनाधिकृत जूरी नहीं बनाई गई। सभी मूल्यांकन नियमित, पारदर्शी और नियंत्रित MUO प्रोटोकॉल के अनुसार हुए।’ ओमर हरफूच को भविष्य की प्रतियोगिताओं से बैन कर दिया गया। लेकिन यह बयान क्या साबित करता है? कि नियम बनाए गए हैं, या कि उन्हें लागू किया जा रहा है? यह अभी भी अनसुलझा है।

थाइलैंड में 87 प्रतियोगी, एक ऐसा फाइनल जो कभी नहीं भूला जाएगा

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इस वर्ष की प्रतियोगिता में 87 देशों की प्रतियोगियां शामिल थीं। टॉप 30 से टॉप 15, फिर टॉप 12 तक की छांटनी स्विमसूट राउंड के बाद हुई। जहां भारत की मणिका को बाहर कर दिया गया, वहीं मेक्सिको की फातिमा ने अपनी विवादास्पद वॉकआउट के बाद भी फाइनल में जगह बनाई। जब उन्हें घोषित किया गया, तो दर्शकों के चेहरों पर आश्चर्य था — और एक तरह से गुस्सा भी। क्योंकि यह नहीं लगा कि यह एक सुंदरता का प्रतियोगिता थी — बल्कि एक नाटकीय निर्णय का सिनेमा।

भारत का लंबा सपना: 1994, 2000, 2021 — और अब फिर से शुरुआत

भारत ने मिस यूनिवर्स के इतिहास में केवल तीन बार जीत हासिल की है — सुश्मिता सेन (1994), लारा दत्ता (2000) और हरनाज़ कौर संधू (2021)। इसके बाद रिया सिंघा (2024) और अब मणिका विश्वकर्मा (2025) दोनों टॉप 12 तक नहीं पहुंच पाईं। यह लगातार दो साल का निराशाजनक रिकॉर्ड है। क्या भारत के लिए अब बस्ती के बाहर के सुंदरता मानकों के साथ खेलना जरूरी हो गया है? या फिर हमारी प्रतिनिधियों को बेहतर तैयारी और रणनीति चाहिए? यह सवाल अब सिर्फ बाल विज्ञान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का भी मुद्दा बन गया है।

अगला चरण: 2026 की तैयारी शुरू

अगला चरण: 2026 की तैयारी शुरू

अगली मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता अक्टूबर-नवंबर 2026 में होगी। भारतीय टीम अभी से तैयारी शुरू कर चुकी है। राजस्थान के श्रीगंगानगर से आई मणिका की यात्रा ने देश के छोटे शहरों के लिए एक नया दरवाजा खोल दिया है। लेकिन अब अगली बार जब कोई भारतीय लड़की इस रंगमंच पर आएगी, तो उसे सिर्फ सुंदर नहीं, बल्कि रणनीतिक और अडिग होना होगा। विवादों के बीच भी जीतना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मणिका विश्वकर्मा को टॉप 12 से क्यों निकाला गया?

मणिका विश्वकर्मा को स्विमसूट राउंड में जजों के निर्णय के आधार पर टॉप 12 से बाहर कर दिया गया। उन्होंने एक सफेद सोने के डिटेल्स वाली मोनोकिनी पहनी थी, लेकिन जजों को उनकी प्रस्तुति, चलन या आत्मविश्वास पर पर्याप्त प्रभाव नहीं पड़ा। उनकी टॉप 30 और टॉप 15 तक की यात्रा अच्छी रही, लेकिन अंतिम चरण में जजों की पसंद बदल गई।

फातिमा बॉश का वॉकआउट क्या था और यह कैसे उनकी जीत से जुड़ा?

फातिमा बॉश ने टॉप 12 के घोषणा के दौरान अपने गाउन और हील्स में ही प्रस्तुति कक्ष से बाहर निकल दिया। यह एक अनौपचारिक विरोध का निशान था, लेकिन उन्हें फाइनल में चुना गया। इस घटना ने विवाद को बढ़ाया, लेकिन जजों ने फिर भी उन्हें टाइटल दिया। क्या यह एक गेम-चेंजिंग रणनीति थी? या बस एक भावनात्मक पल? इसका जवाब अभी भी अनजान है।

ओमर हरफूच ने क्यों इस्तीफा दिया और उन्हें बैन क्यों किया गया?

ओमर हरफूच ने आरोप लगाया कि एक अनाधिकृत जूरी ने फाइनलिस्ट्स का चयन किया था, जो MUO के नियमों के खिलाफ था। उनके बयान के बाद, मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन ने उन्हें बैन कर दिया, क्योंकि उन्होंने आधिकारिक प्रक्रिया को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उनका इस्तीफा और बैन दोनों ने प्रतियोगिता की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए।

भारत के लिए मिस यूनिवर्स जीतना क्यों इतना मुश्किल है?

भारत के लिए इस टाइटल को जीतना मुश्किल इसलिए है क्योंकि जजों के मानकों में अक्सर वैश्विक सौंदर्य मानक शामिल होते हैं — जो हमारे शरीर के आकार, त्वचा के रंग या सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से मेल नहीं खाते। हरनाज़ कौर संधू की जीत 2021 में एक अपवाद थी, लेकिन अब तक दो बार टॉप 12 तक नहीं पहुंच पाना इस बात का संकेत है कि हमारी तैयारी या चयन प्रक्रिया में कुछ बदलाव की जरूरत है।

मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन का बयान कितना विश्वसनीय है?

मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि सभी मूल्यांकन पारदर्शी थे, लेकिन दो जजों के इस्तीफे और एक बड़े विवाद के बाद, यह बयान अधिक नियम के अनुसार लगता है, न कि साक्ष्य के आधार पर। अगर प्रक्रिया वास्तव में पारदर्शी होती, तो ऐसे आरोप उठने की संभावना कम होती। यह एक राजनीतिक बयान लगता है, जो विश्वास बहाल करने की कोशिश कर रहा है।

अगली बार भारत की ओर से कौन प्रतियोगिता में शामिल होगा?

2026 के लिए भारत की आधिकारिक प्रतिनिधि अभी तक घोषित नहीं हुई है। हालांकि, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कई राज्यों में अब नए टैलेंट स्काउट्स चल रहे हैं। उम्मीद है कि अगली बार कोई ऐसी लड़की चुनी जाएगी जो सिर्फ सुंदर नहीं, बल्कि अपनी बात को बहुत तेजी से और आत्मविश्वास से रख सके।