इन Jio यूजर्स को 8 महीने तक के लिए फ्री होगा 4G डाटा, कही इनमें आप भी तो नहीं
— March 17, 2018टेक डेस्क: रिलायंस एक बार फिर अपने यूजर को खुश करने के लिए नए ऑफर लाया है. इस नए ऑफर…
बाबा नगरी बनारस को जहाँ एक तरफ पावन धरती के नाम से जाना जात है वहीँ दूसरी ओर कुछ शरारती तत्व जहां शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. मगर ऐसे शरारती तत्व मनसूबे पर पानी फेरते हुए एक मुस्लिम महिला धार्मिक एकता का बहुत अच उद्धरणपेश किया है. मुस्लिम महिला ने ने न केवल शिव मंदिर बनवाया, बल्कि नमाज के साथ वो भगवान शिव का जलाभिषेक करना भी नहीं भूलती.
पांच वक्त की नमाजी ये मुस्लिम महिला गंगा-जमुनी तहजीब की नजीर है और साथ साथ ये हिन्दू पूजा पठान को भी बखूबी निभाती है. आपको बता दें की गणेशपुर इलाके में स्थित यह रुद्रेश्वर महादेव मंदिर कोई आम मंदिर नहीं बल्कि दो सम्प्रदायों के सौहार्द की इमारत भी है. सड़क किनारे बना ये शिव मंदिर दो सम्प्रदायों के सौहार्द का वो मिलन है जो वाराणसी में पिछले 12 सालों से मिसाल बना हुआ है.
वैसे तो बनारस की गली-गली में शिव मंदिर के लिए ही प्रचलित हैं, लेकिन ये शिव मंदिर ज्यादा ख़ास इसलिए है कि इसे बनाने वाले कोई हिन्दू नहीं बल्कि मुस्लिम हैं. जानकारी के लिए बता दें की 2004 में बना यह मंदिर वाराणसी की रहने वाली नूर फातिमा ने अपने घर के पास खाली जमीन पर बनवा कर इसे सार्वजनिक किया ताकि लोग यहां आकर दर्शन कर सकें.
पेशे से वकील नूर फातिमा पांच वक्त की नमाज के साथ सुबह की शुरुआत भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के बाद ही करती हैं. क्रिमिनल लॉयर नूर फातिमा वाराणसी के ही न्यायालय में फौजदारी मामलों की वकालत करती हैं. नूर फातिमा पिछले 20 सालों से वाराणसी में वकालत कर रही हैं. उन्होंने 13 साल पहले महादेव के इस मंदिर को बनवाया और पांचों वक्त की नमाज के साथ वो इस मंदिर में जलाभिषेक पूजन करती हैं.