केजरीवाल और ममता ने ऐसा क्या कह दिया कि आहत हो गये मोदी, उन्हें कहनी पड़ी अबतक की सबसे बड़ी बात
— November 23, 2016
Edited by: ravishanker on November 23, 2016.
नई दिल्ली: देश में कालेधन का अभियान छेड़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी सरकार दुसरे राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गएं हैं. सभी विपक्षी दलों ने नोटबंदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खास करके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राहुल गांधी और बसपा मुखिया मायावती पीएम पर बीजेपी सरकार के खिलाफ बयान जारी कर रहे हैं. अभी कुछ घंटे पहले ही केजरीवाल ने बिग बाजार से नोट निकालने को लेकर ट्विट कर पीएम से यह पूछा, “पहले रिलांयस, फिर पेटीएम और अब बिग बाजार, क्या डील हुई है मोदीजी?”
दुसरे नेताओं की इसी विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में आहत होते हुए यह कहा, “देश में मूल्यों का पतन तेजी से हो रहा है. ये दुर्भाग्य है कि आज सार्वजनिक जीवन में लोग करप्शन, ब्लैक मनी के पक्ष में खुलकर मैदान में उतर रहे हैं.” उन्होंने यह भी कहा, “लोगों को करप्शन के खिलाफ व्यक्तिगत जीवन में कुछ सहन करना पड़ता था तो करते थे. लेकिन कहते थे- मैं पैसा नहीं दूंगा. फिर वक्त बदला. लोग कहने लगे कहां दुनिया को सुधारने जाएंगे, पैसा लो, मेरा काम करो. मूल्यों में गिरावट आने लगी। वक्त बदला, तब करप्शन मुद्दा ही नहीं रहा.”
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, मैं देख रहा हूं दुर्भाग्य कि आज ये हिम्मत हुई कि सार्वजनिक जीवन में लोग करप्शन, ब्लैक मनि के पक्ष में खुलेआम मैदान में उतर रहे हैं. किसी भी देश के लिए मूल्यों का पतन सबसे बड़ा संकट होता है. जो आज 80 साल के होंगे, उनके जमाने में भी एक-दो चोरी करते थे. पर छुप-छुप के. ऐसा करने वाला एक मोरल प्रेशर में जीता था. धीरे-धीरे वक्त बदला. फिर चोर हाथ में लिखकर जाने लगे. वह एग्जाम में मजबूरन चोरी कर लेता था, लेकिन फिर भी चाहता था कि किसी को पता न चले. वक्त इतना बदलता गया और अब ऐसा करने वाले लोग टेबल पर छुरा रखते हैं और खुलेआम चोरी करते हैं. ये जो मूल्यों का पतन है ये इस देश का दुर्भाग्य है. इस मानसिकता के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा। लड़ना पड़ेगा.”
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