वेस्ट ज़ोन बनाम सेंट्रल ज़ोन: क्या है फ़र्क?
भारत के घरेलू क्रिकेट में ज़ोन का नाम अक्सर सुनते हैं, पर बहुत से लोग नहीं जानते कि वेस्ट ज़ोन और सेंट्रल ज़ोन में असल में क्या अंतर है। अगर आप क्रिकेट के शौकीन हैं या बस यह जानना चाहते हैं कि कौन‑सी टीम में कौन‑से खिलाड़ी हैं, तो ये लेख आपके लिये है। मैं आपको आसान भाषा में दोनों ज़ोन की ताकत, कमजोरियाँ और हाल के मुकाबले बताऊँगा।
मुख्य ताकत और कमजोरियाँ
वेस्ट ज़ोन में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गोवा शामिल हैं। इस ज़ोन की सबसे बड़ी ताकत है उसके बैटिंग लाइन‑अप। इतिहास में उन्होंने कई बड़े स्कोर बनाये हैं, खासकर विराट कोहली, रोहित शर्मा और साक्षी साधन जैसे स्टार बॅटर। इसके अलावा तेज़ पिचों पर स्पिनर और तेज़ गेंदबाज़ दोनों को मौका मिलता है, इसलिए यहाँ का बैलेंस्ड टीम सेट‑अप अक्सर जीत की ओर ले जाता है।
सेंट्रल ज़ोन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और तेलंगाना शामिल हैं। यहाँ की सबसे बड़ी शक्ति है क्विक बॉलर्स की गिनती। गयात्रिक बगुचेरी, तेज़ गेंद के सुपरस्टार हैं और अक्सर रफ़्तार भरी रोस्टर से दबदबा बना लेते हैं। बैटिंग के मामले में, शिखर धवन और अंजुमनु बिंधानी जैसे स्थिर खिलाड़ी होते हैं, लेकिन कभी‑कभी एक‑दूसरे की जगह पर बड़े स्कोर नहीं बना पाते। इसलिए सेंट्रल ज़ोन को अपनी बैटिंग को और पॉलिश करने की जरूरत पड़ती है।
हाल के मुकाबले और आँकड़े
पिछले पाँच वर्षों में वेस्ट ज़ोन ने सेंट्रल ज़ोन के खिलाफ 12 मैच खेले, जिनमें 8 जीत हासिल की। सबसे यादगार जीत 2022 में नंदा के ग्राउंड पर थी, जब वेस्ट ज़ोन ने 250+ रन बनाकर प्रतिस्पर्धी को दबा दिया। वहीं, सेंट्रल ज़ोन ने 2023 में गिलहरी स्टेडियम पर दो बार जीत सुनिश्चित की, वो भी टाइट मैच में, जो दिखाता है कि वे भी दबाव में बेहतर खेल सकते हैं।
खास आँकड़े देखें तो वेस्ट ज़ोन की औसत स्कोर 240 है, जबकि सेंट्रल ज़ोन की औसत स्कोर 215 है। बॉलिंग में सेंट्रल ज़ोन का औसत अधिक है – यानी वे वीक ओवर में ज्यादा विकेट ले लेते हैं। इस वजह से जब पिच धीमी होती है, तो सेंट्रल ज़ोन का फायदा स्पष्ट दिखता है।
जैसे‑जैसे नया टैलेंट उभरता है, दोनों ज़ोन का बैलेंस बदल रहा है। वेस्ट ज़ोन में अभी युवा तेज़ गेंदबाज़ अली उज़ैहर की बात चल रही है, जबकि सेंट्रल ज़ोन में तेज़ स्पिनर शहाब तुलसा ने अपनी जगह मजबूत कर ली है। ये बदलाव आगे के मैचों को और रोमांचक बना देंगे।
तो अगर आप अगले आईपीएल ड्राफ्ट या ज़ोस्ता टुर्नामेंट को फॉलो कर रहे हैं, तो इन ज़ोन की वर्तमान फॉर्म, खिलाड़ी‑फॉर्म और पिच कंडीशन को देखना न भूलें। छोटे‑छोटे डाटा पॉइंट्स पर ध्यान देने से आपको बेहतर प्रेडिक्शन बनाने में मदद मिलेगी।
सार में कहा जाए तो वेस्ट ज़ोन बैटिंग में मजबूत, सेंट्रल ज़ोन बॉलिंग में तेज़। दोनों के बीच की टक्कर हर बार दर्शकों को रोमांचक खेल देती है। आपका कौन‑सा ज़ोन पसंद है, या कौन‑सा खिलाड़ी देखते हैं? कमेंट में बताइए, बातचीत जारी रखें।

ऋतुराज गायकवाड़ का 184: दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में टेस्ट दावेदारी का सबसे जोरदार एलान
वेस्ट ज़ोन 10/2 पर लड़खड़ाया, और ऋतुराज गायकवाड़ ने 206 गेंदों पर 184 रन ठोककर मैच की दिशा बदल दी। 25 चौकों और एक छक्के से सजी यह पारी चार महीने की चोट के बाद उनकी सबसे दमदार वापसी जैसी दिखी। दिलीप वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं से उन्हें टेस्ट के लिए देखने की बात कही। भारत की होम टेस्ट सीरीज़ से पहले यह संदेश सीधा और स्पष्ट है।
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