यूपी चुनाव से पहले ही बीजेपी के कई अपने हुए पराये!


यूपी में बीजेपी, बसपा और समाजवादी पार्टी चुनाव से पहले एक दुसरे को पछाड़ने की पुरजोर कोशिश कर रही है. तीनों पार्टियों के नेता एक दुसरे पर कई आरोप लगा रहे हैं. पर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या जनता नेताओं के इन बयानों ने इस बार भी फसने वाले हैं? तो आपको बता दें कि अब जनता को यह मालुम हो रहा है कि कौन क्या कर सकता है. कितना विकास कर सकता है. अगर बीजेपी की बात करें तो केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरा को आगे लाकर यूपी चुनाव भी जीतना चाह रही है.

लेकिन आपको यह बता दें कि बिहार चुनाव के दौरान बीजेपी ने ऐसा कुछ किया था. जिसके बाद भी उन्हें बिहार में जीत नहीं मिली थी. बीजेपी ने यूपी चुनाव से पहले नोटबंदी ऐलान करके कई नेताओं और पार्टियों को सोचने पर मजबूर जरुर कर दिया. लेकिन इस बात को भी नहीं झुठलाया जा सकता है कि नोटबंदी के कारण जनता को काफी मुश्किलों कई सामना करना पड़ा. साथ ही कई लोगों की जाने भी गई. जबकि नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा समय समय पर नियमों में किए बदलाव और अपने एक फैसले पर नहीं बना रहना, ने भी यह दर्शा दिया कि सरकार ने बिना सोचे समझे यह कदम उठा लिया है.

यह आरोप सरकार पर कई राजनितिक पार्टियों ने भी केंद्र सरकार पर लगाया था. भले बीजेपी यह कहे की 10 महीने के मंथन और तैयारी के बाद ही फैसला लिया गया पर इसमें सरकार की अपरिपक्वता का अंश देखने को जरुर मिला है. इसके अलावा एक बात यह भी है कि चुनाव से पहले बीजेपी में सपा और बसपा के साथ साथ कई दलों के नेता शामिल हुए. इन नेताओं को बीजेपी के बड़े अधिकारियों ने तो अपना लिया पर पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता उन्हें नहीं अपना सके. वजह यह है कि बाहरी के आने से भीतरी लोगों स्थिति खराब होने लगी. यानि बाहरी बड़े नेताओं के आने से अंदर के नेताओं के टिकट पर खतरा मंडराने लगा है.

हालात ऐसे हो गए कि बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने अपने खून से प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा जिसमें यह कहा गया कि पीएम साहब बीजेपी में कार्यकर्ताओं की कमी है क्या जो बाहरी लोगों को शामिल किया जा रहा है. जबकि मौजूदा हालात को देखा जाए तो फिलहाल दुसरे दलों से आए नेताओं को टिकट देने का विरोध जारी है. कई बड़े नेता तो बगावत पर उतर चुके हैं और बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चूके है. जबकि कई नेता तो निर्दल नामांकन भी कर चुके हैं. जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी के का वोट कट सकता है. क्योंकि बीजेपी के अपने पराये हो चुके हैं.


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