गोरखपुर में दिल दहला देने वाली घटना पर केंद्र सरकार का फ़ैसला, मंत्री को…

गोरखपुर में दिल दहला देने वाली इस घटना ने सभी को हिला कर लिख दिया हैं. ना जाने गोरखपुर को किसकी नज़र लग गयी है. सरकारी अस्पताल बच्चों के लिए कब्रिस्तान बनता जा रहा है. एक एक बाद एक की मौत हो रही है. मौत का सिलसिला चलता ही जा रहा है. इस अस्पताल की लापरवाही ने कितनो के घर में मातम का माहौल बना दिया है. असहाय माँ बाप भी अपने बच्चों के लिए कुछ नही कर पा रहे. मरने वाले बच्चो में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे.

ख़बर आ रही है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ही बंद कर दी थी. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 63 बच्चों की अभी तक में मौत हो चुकी है. वैसे अस्पताल प्रशासन इस बात से इंकार कर रहे है कि ऑक्सीजन की वजह से ऐसा नहीं हुआ है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जड़ तक जाने और सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य प्रशासन से इस घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है साथ ही साथ इसके उन्होंने राज्य मंत्री (स्वास्थ्य)अनुप्रिया पटेल को तुरंत अस्पताल का दौरा करने का भी आदेश दिया है.

मामले को को तूल पकड़ने के बाद सरकार की ओर से इस मामले पर सफाई आई है. पूछने पर बयान के तौर पर बताया गया कि ये घटना ऑक्सीजन के वजह से नहीं हुई है. मौत का कारण विभिन्न चिकित्सीय बताया जा रहा है. घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं डीएम ने 5 सदस्यीय टीम गठित की जो कि आज अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

वही इस घटना ने राजनीति कि दिशा पकड़ ली है वही विपक्ष ने योगी सरकार पर तंज कसा है. और अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है कि गोरखपुर मे ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत हुई है. इसके लिए सरकार ज़िम्मेदार है. इसपे कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और साथ ही साथ सरकार को 20-20 लाख का मुआवज़ा देना चाहिए पीड़ित परिवारों को.

इसमे पूरी तरह से जांच करके लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलनी चाहिए. इधर बीएसपी की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि योगी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और स्वास्थ मंत्री समेत हॉस्पिटल के स्टॉफ को जेल भेज देना चाहिए. जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने मेडिकल कालेज के निरीक्षण के दौरान बताया कि बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा बताया गया है कि लगभग 175 आक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध हैं.

शुक्रवार सुबह सात बजे ऑक्‍सीजन पूरी तरह खत्‍म हो जाने के चलते इंसेफेलाइटिस वार्ड में करीब दो घंटे तक मरीजों को अम्‍बू बैग के सहारे रहना पड़ा. 12 बजे कुछ सिलेंडर पहुंचे लेकिन इंसेफेलाइटिस इमरजेंसी वार्ड में अभी भी सिलेंडरों की क्राइसिस बनी हुई है. इंसेफेलाइटिस के वार्ड नंबर 100 में हर डेढ़ घंटे में 16 सिलेंडर खर्च हो रहे हैं, अभी भी चारों तरफ अफरातफरी मची हुई है और लोग परेशान है.

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