लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधनासभा चुनाव की तिथियों के ऐलान होते ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक बड़ा बयान दिया है. जो समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का सीधा संकेत माना जा रहा है. आपको बता दें कि शीला दीक्षित को कांग्रेस ने सीएम प्रत्याशी भी बनाया है. जबकि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के तरफ से यूपी के चुनाव प्रभारी बनाए गये हैं. इस वजह से इन दोनों का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
जानकारी में मुताबिक सीएम प्रत्याशी शीला दीक्षित ने कहा है कि 2-3 दिनो में गंठबंधन को लेकर कांग्रेस फैसला ले सकते हैं. मुझे युवा(अखिलेश यादव) को मौका देने में मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं. यूपी चुनाव में नोटबंदी बड़ा मुद्दा है.’ इसके साथ ही गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन का संकेत देते हुए कहा, ‘सभी चाहते हैं कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ें, हम परिवार के झगड़े का फायदा नहीं उठाना चाहते हैं.’
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मोदी सपने मे फैसला लेते हैं. 7 जनवरी को यूपी मे कांग्रेस करेगी जनाक्रोश आंदोलन करेगी. नोटबंदी पर कांग्रेस करेगी आंदोलन.’ आपको यह बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी चाहते हैं कि कोंग्रेस से गठबंधन हो. इसको लेकर उन्होंने कई बार यह कहा है कि अगर सपा और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी तो 300 से अधिक सीटों पर जीत मिल सकती हैं.
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