सपा मुखिया से पार्टी के संरक्षक बने मुलायम सिंह एक बार फिर से नजरअंदाज हुए हैं. सपा को राष्ट्रीय पार्टी की कतार में खड़ा करने वाले मुलायम और अपने चहितों के ‘नेताजी’ का नाम उनके ही अपनों के द्वारा नहीं लिया गया है. इसका उदहारण एक बहु से कुशल राजनेत्री बनी डिंपल यादव ने अपनी चुनावी सभा में दे दिया. कहा जा रहा है कि अपने पति और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ख्याति को निखारने में डिंपल इतनी व्यस्त हो गई कि अपने भाषण के दौरान उन्होंने सपा के पितामाह के मुलायम के नाम भी लेना भूल गई है.
मीडिया रिपोर्ट का मानना है मुलायम के आशिर्वाद की ताक में रहने वाली डिंपल ने गुरुवार को कानपूर के साथ उन्नाव में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री अखिलेश का नाम लिया, उनके सफलताओं को गिनवाया. साथ ही वोट की अपील भी की लेकिन एक बार भी सपा के संरक्षक मुलायम का नाम नहीं लिया है. जबकि इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता है कि हमेशा शर्माने और झिझकते रहने वाली डिंपल को भी सांसद बनाने में मुलायम का ही हाथ है.
साथ ही आज डिंपल जिस विकास पुरुष की पत्नी होने का तमगा अपने सर पर लिए घूम रही है. जिस अखिलेश यादव के पत्नी के होने के नाते वो खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है. उन्हें भी मुख्यमंत्री बनाने में मुलायम की ही भूमिका रही है. इस बात को नहीं बुलाया जा सकता है की राजनीति के सुरमा कहे जाने वाले मुलायम ने ही अखिलेश को राजनीति का पहलवान बना दिया है. लेकिन फिर भी आज वो खुद ही दरकिनार हो रहे हैं.
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