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पुणे में दो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा अब महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी पहुंच गई है. मंगलवार को मुंबई के अलावा, हड़पसर व फुरसुंगी में बसों पर पथराव का मामला सामने आया. इसके बाद औरंगाबाद और अहमदनगर के लिए बस सेवा बंद कर दी गई है.
नए साल के मौके पर पुणे के कोरेगांव भीमा गांव में शौर्य दिवस मनाया गया था जिसके बाद से दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई.
Request will be made to SC for judicial inquiry in Koregaon violence matter and CID inquiry will also be conducted on the death of the youth. 10 lakh compensation for victim’s kin: Maharashtra CM Devendra Fadnavis pic.twitter.com/UdtDuYcQwN
— ANI (@ANI) January 2, 2018
पुणे की जातीय हिंसा पर महाराष्ट्र सीएम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है. सरकार ने इसके न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम देवेंद्र फडनवीस ने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है और साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने की सभी से अपील की. पुणे की जातीय हिंसा की आग सोमवार को महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में फैल गई. इस दौरान मुंबई के कुर्ला, मुलुंड, चेंबूर और ठाणे में सरकारी बसों पर पथराव और रास्ता रोको की घटनाएं सामने आईं. कई इलाकों में तनाव की स्थिति कायम है.
घटना को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार का भी बयान आया है. शरद पवार ने सरकार को घेरते हुए कहा कि घटना के पीछे कौन लोग हैं इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने आगे यह भी कहा कि शौर्य दिवस के 200 साल पूरे होने पर अधिक लोगों को इकट्ठा होने की संभावना पहले से थी इसलिए प्रशासन को इस पर नजर रखनी चाहिए थी.
बता दें कि 1 जनवरी 1818 के दिन अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में युद्ध हुआ था जिसमें पेशवा को अंग्रेजों से पटखनी मिली थी. इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे. इस घटना के इस बार 200 साल पूरे होने पर सोमवार को कोरेगांव भीमा में कार्यक्रम का आयोजन हुआ और जश्न मनाया गया. सोमवार को रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ने कोरेगांव भीमा युद्ध के 200 साल पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित कराया था, जहां महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट, बीजेपी सांसद अमर साबले, डेप्युटी मेयर सिद्धार्थ डेंडे और अन्य नेता शामिल हुए. कार्यक्रम की सूचना पाकर दूसरे समुदाय के लोग वहां पहुंचे और दोनों समुदायों के बीच पथराव हुआ. जगह-जगह गाड़ियों में तोड़-फोड़ व आगजनी की गई.
साभार: नवभारत टाइम्स