आज प्रदेश में सुबह से ही चुनावी रुझानो में बीजेपी आगे चल रही थी. अब बीजेपी पूर्ण बहुमत को पार कर चुकी है. ऐसे में अब अखिलेश यादव के लिए विकट संकट आ खड़ा हुआ है. परिवार में वर्चस्व की जंग में अखिलेश का विरोधी खेमा लगातार इस बात पर जोर देता रहा है, कि मुलायम सिंह यादव के साथ जो हुआ वह गलत था. अखिलेश ने मुलायम का अपमान किया. उन्होंने मुलायम के साथ ही शिवपाल व अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने की भारी गलती की. ये वे लोग थे, जिन्होंने पार्टी को एक-एक ईंट जोड़कर खड़ा किया था.
इनकी संगठन में अच्छी खासी पकड़ थी. आपको बता दे कि दो दिन पहले ही साधना गुप्ता ने भी बयान दिया था कि मुलायम सिंह यादव का जो अपमान किया गया है वो हरगिज बरदास्त नही करेंगी. ऐसे में शिवपाल यादव भी आज खुलकर अखिलेश यादव पर निशाना साधे उन्होंने कहा कि ये समाजवादियों की हार नही बल्कि घमंड की हार हुई है, उनका सीधा इशारा अखिलेश के तरफ था.इसके अलावा अखिलेश यादव के सामने पार्टी में टूट बचाने और संगठन को खड़ा करने की भी चुनौती आ खड़ी हुई है. सूत्रों के अनुसार अखिलेश के विरोधी खेमे ने संगठन में दोबारा वर्चस्व हासिल करने के लिए रणनीति तैयार कर ली है.
इसमें अखिलेश पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जाएगा, साथ ही संगठन में पिछले दो महीने में किए गए बड़े बदलावों को वापस लिया जाएगा. यही नहीं टीम के अखिलेश के अहम सदस्यों पर भी विरोधी खेमे की नजर टेढ़ी दिखाई दे रही है.अब देखना होगा की अखिलेश इस हार पर क्या प्रतिक्रिया देते है.
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