इन Jio यूजर्स को 8 महीने तक के लिए फ्री होगा 4G डाटा, कही इनमें आप भी तो नहीं
— March 17, 2018टेक डेस्क: रिलायंस एक बार फिर अपने यूजर को खुश करने के लिए नए ऑफर लाया है. इस नए ऑफर…
शिक्षामित्रों को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद ये कोर्ट की शरण में पहुंचे और प्रशिक्षु सहायक अध्यापक बनने के लिए याचिका दायर की लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी ये याचिका सीधे खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब जो भी नियुक्ति होगी वो भर्ती प्रक्रिया में नियमत होगी.
आपको बता दें कि पूर्व की सपा सरकार ने जब 72,825 सहायक अध्यापक भर्ती निकली तो उसमें बड़ी संख्या में शिक्षामित्र भी शामिल हुए. ये ऐसे शिक्षामित्र थे जिन्होंने टीईटी पास की थी. लेकिन जब भर्ती शुरू हुई तो उसी समय शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन होने लगा. इस दौरान शिक्षामित्रों ने सीधे भर्ती से सहायक अध्यापक बनना ठीक समझा और 72,825 सहायक अध्यापक में चयनित होने के बावजूद भर्ती से कन्नी काट गए. इससे 72,825 सहायक अध्यापक भर्ती में 6,160 पद रिक्त रह गए. लेकिन बीजेपी सरकार आने पर सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया.
इस मामले की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में अरविंद कुमार आदि ने दाखिल की थी और इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने की थी. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार से कहा है कि वो चाहे तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अपना निर्णय ले सकती है लेकिन 72,825 प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों के मामले में जो पद रिक्त रह गए हैं उन पदों पर नया विज्ञापन जारी किया जाए और नियमत भर्ती प्रक्रिया को संचालित कर नियुक्ति दी जाए.