समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को कोर्ट के तरफ से बड़ी राहत मिली है. आदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया है. बताया जा रहा है की याचिका में आजम खां पर आरोंप लगाया गया था कि उन्होंने बाजार दर से जमीन की कीमत का भुगतान किए बिना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन खरीदी.
बता दे आजम खां को जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन खरीद फरोख्त में धांधली का आरोंप उनके विरोधी लगाते रहे है. ऐसे में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रतिभा ने अलिया गंज गांव के कुछ निवासियों द्वारा दायर मुकदमा खारिज कर दिया है, जिससे आजम के विरोधियों का बोलती बंद हो गया है.
अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा भूस्वामियों की सहमति से दिया गया पंजीकरण को अंतिम रूप इसके अलावा बिक्री दस्तावेज का रजिस्ट्रेशन करने वाले सब-रजिस्ट्रार ने अदालत में कहा कि जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के नाम पर भूमि के पंजीकरण को अंतिम रूप भूस्वामियों की सहमति से दिया गया, कोई जोर जबरदस्ती नही किया गया है. माना जा रहा है की आजम के इस तरकीब से सभी विरोधी एक साथ चित हो गये है.
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