प्रदेश बीजेपी में टिकट बंटवारे से नराज चल रहे कई कार्यकर्ता और नेताओं ने तो प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या का पुतला दहन तक किया. जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ आए तो उनके सामने भी कार्यकार्तओ ने विरोध प्रकट किया था. लेकिन बीजेपी शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश के दिग्गजों ने भी कार्यकर्ताओ की सुनवाई में आना कानी किया है.
बीजेपी ने एक और चौकाने वाल फैसला करते हुए 7 बार से विधायक चले आ रहे नेता का भी टिकट काट दिया. अगर और विधायकों की तुलना में देखा जाए तो इनमें काफी फर्क भी है. आज के दौर में जब विधायक बनने वाला व्यक्ति लाव लश्कर और पूरे तामझाम के साथ घूमता है तो वहीं दादा आज भी पैदल, रिक्शा या आटो रिक्शा में घूमते देखा जा सकता है. 1968 में एक सभासद के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू करने वाला दादा आज भी हर दल के लिये सबसे बड़ी चुनौती हैं.
लेकिन बीजेपी ने उनके साथ जो किया, उससे ना सिर्फ दादा और पार्टी कार्यकर्ता बल्कि आम जनता में भी रोष है. आपको बता दें कि श्यामदेव राय चौधरी को 1985 में अपने पहले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन दादा ने इस हार से सबक लिया. अब वो लगातार 7 बार से विधायक रह कर इस इलाके की रहनुमाई करते आए हैं. लोग इनकी सादगी के कायल हैं.
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