अखिलेश छोड़ेंगे कुर्सी, शिवपाल बन सकते हैं सपा के राष्ट्रिय….!

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले यह कहा था कि वो केवल तीन महीने तक इस कुर्सी पर बने रह सकते हैं. इसके बाद वो यह पद अपने पिता मुलायम सिंह यदाव को पुनः सौंप देंगे. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. शायद सूबे में होने वाली निकाय चुनाव इसकी वजह हो सकती हैं. लेकिन अगर अखिलेश यादव के रिकॉर्ड और उनके सवभाव को देखें तो यह कहा जा सकता हैं है कि उनमें कुर्सी की लालच बिलकुल नहीं है.

इसके बाद फिर यह भी सवाल उठ जाता है कि ऐसा नहीं था तो सपा के राष्ट्रिय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव के साथ मिलकर अखिलेश ने अपने पिता कि जगह क्यों ले ली? तो आपको यह बता दें कि जिस दौरान अखिलेश ने यह फैसला लिया था उस वक्त सपा में टिकट देने को लेकर मतभेद हो गई थी. इस समय अखिलेश यह चाहते थे कि साफ छवि वाले नेता को टिकट दिया जाए. जबकि शिवपाल अपने मनपसन्द के नेताओं को टिकट देने पर उतारू थे.

फिर चाहे वो कैसा भी नेता हो. हालांकि बाद में अखिलेश की ही चली. पर इसके बाद चुनाव में सपा के लिए विपरीत परिणाम सामने आ गए. जो अखिलेश के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था. लेकिन अखिलेश हार के बाद चिन्तन में लग गये हैं. उसके बाद अखिलेश के विरोध में यह मांग उठने लगी है कि उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिए. क्योंकि उन्होंने ऐसा वादा किया था. अखिलेश से यह मांग उनके चाचा शिवपाल और उनके चचेरे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने भी की.

इस मांग के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि अखिलेश अपने वादे से पीछे नहीं हटेंगे और सपा का पद छोड़ देंगे. अगर ऐसा होता है तो मुलायम को फिर से सपा अध्यक्ष की कुर्सी मिल सकती हैं. पर आपको यह मालूम हो कि शिवपाल इन दिनों मुलायम से नाराज भी हैं. उन्होंने तो मुलायम पर तंज भी कसा है. हो सकता है कि अपने लक्ष्मण समान भाई को मनाने के लिए मुलायम, शिवपाल को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तोहफे में प्रदान कर दें. क्योंकि वो पहले भी शिवपाल को यह कह चुके है कि तुम नई पार्टी बनाओं मैं तुम्हारा साथ दूंगा.



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