इन Jio यूजर्स को 8 महीने तक के लिए फ्री होगा 4G डाटा, कही इनमें आप भी तो नहीं
— March 17, 2018टेक डेस्क: रिलायंस एक बार फिर अपने यूजर को खुश करने के लिए नए ऑफर लाया है. इस नए ऑफर…
बिहार मे कल तक कांग्रेस, राजद और जदयू की साझेदारी वाली सरकार चल रही थी. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक फैसले से राजद और कांग्रेस को सरकार से अलग होना पड़ गया है. नीतीश कुमार ने बुधवार देर शाम अपना इस्तीफा बिहार के प्रभारी राजपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को सौंप कर अपने घटक दलों को चौंका दिया. इतना ही अगले दिन यानि गुरुवार को नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना लिया. उन्होंने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. जबकि सुशील मोदी एक बार फिर से डिप्टी सीएम बने.
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नीतीश के इस फैसले को धोखा और बीजेपी की साजिश करार दिया. रांची में आयोजित पीसी में लालू ने कहा, “तेजस्वी तो बहाना है, उन्हें बीजेपी की गोद में जाना है.” उन्होंने कहा,”नीतीश कुमार ने इतना बड़ा ढोंग किया कि कम्युनल फोर्सेस के साथ हम समझौता नहीं करेंगे. नीतीश कुमार ऐसा जीव है कि क्या कहें. हमको यहां से सजा हुई. रांची की जेल में गए. जमानत मिली. नीतीश कुमार को हमने मुख्यमंत्री बनाया. एक नेता ने कहा कि नीतीश ज्यादा काम करोगे तो छाती तोड़ देंगे. तो मैंने कहा था कि तुम क्या छाती तोड़ेगे. पता नहीं है कि नीतीश के बगल में लालू बैठा है?”
बता दें कि लालू प्रसाद यादव के दामाद और सपा सांसद तेज प्राताप सिंह ने भी बिहार के सियासी उठापटक और जदयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर एक बड़ा ट्विट किया है. उन्होंने ट्विट में लिखा, ” बिहार में तेजस्वी के बढ़ते हुए राजनीतिक क़द कुछ लोगों की आँखों में चुभ रहा था. ये सारा ड्रामा तेजस्वी के राजनीतिक वजूद को कम करने के लिए.” नीतीश के इस्तीफे पर उन्होंने यह लिखा था, “नीतीश जी द्वारा दिया गया इस्तीफ़ा जनता के जनादेश का अपमान है. बिहार की जनता ने महागठबँधन को चुना था ना की एक पार्टी को.”
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