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— January 28, 2018सोशल मीडिया एक अच्छा खासा मनोरंजन का साधन है हर दिन कुछ न कुछ वायरल होते रहता है जो आपका…
न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे फर्जी डिग्री वाले अध्यापक को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि यह सभी फर्जी डिग्री वाले अध्यापक काम करते रहेंगे. हाईकोर्ट ने अध्यापकों को नियमित वेतन देने के भी निर्देश दिए हैं.
हालांकि हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग से कहा है कि वह दोषी पाए गए अध्यापकों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया को जारी रख सकता है. दरअसल इन सभी अध्यापकों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. अध्यापकों की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने यह आदेश दिया है. याचिका दायर करने वाले सभी अध्यापकों का कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर काम करे रहे हैं. वही आगरा विश्विद्यालय द्वारा आयोजित बीएड परीक्षा में फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र जारी करने की शिकायत पर एसआईटी ने जांच की और जांच रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग उनको नोटिस जारी कर बर्खास्तगी की कार्रवाई कर रहा है.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. याचिकाकर्ता की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की पीठ ने दिया है. वहीं 16,448 सहायक अध्यापक की भर्ती में शामिल करने की उनकी याचिका एकल न्यायपीठ ने यह कह कर खारिज कर दी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक रिक्त पदों पर नए सिरे से विज्ञापन जारी करके नियुक्ति की जाएगी.
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