सपा-कांग्रेस गठबंधन पर अखिलेश ने साफ़ किया अपना रुख, तो वही सुनील यादव ने योगी सरकार को बताया …

न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मिलकर चुनाव लड़ चुके कांग्रेस और सपा 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर एक सा विचार नहीं रखते है. बता दे कि इससे पहले विधानसभा चुनाव में कुल 403 सीटों में से कांग्रेस ने 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था. जबकि सपा ने 300 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. जिसके बाद कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई और सपा को 47 सीटें मिली थीं. 2019 के लोकसभा के चुनाव को लेकर सपा अभी किसी गठबंधन के मूड में दिखाई नहीं देती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा के सम्बन्ध बरकरार रहेंगे, पर अभी गठबंधन को लेकर हम कुछ विचार नहीं कर रहे है.

बीते गुरुवार को अखिलेश ने कहा था कि हम दोस्त नहीं बदलते, लेकिन अभी पूरा ध्यान पार्टी और संगठन की मजबूती पर है. गठबंधन को लेकर उन्होंने साफ़ कह दिया कि बातें चुनाव के समय तय होती हैैं. दोस्ती होगी तो बता भी देंगे. वैसे हम बहुत धोखे खा चुके हैैं. उन्होंने यह धोखे वाली बात बसपा को लेकर कहा था.

सपा प्रवक्ता और राज्य विधान परिषद सदस्य सुनील यादव का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. उन्होंने बताया कि पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन अंतिम फैसला करने का अधिकार अध्यक्ष अखिलेश यादव का है. उन्होंने बताया कि पार्टी बीजेपी को हर हाल में हराने में जुट गयी है.

सुनील यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि गलत नीतियों की वजह से किसान, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक सभी परेशान हैं. भाजपा सरकार लोगों को मूल मुद्दों से ध्यान भटका कर धार्मिक मुद्दों को अभी से आगे करने पर लग गई है. इसी वजह से योगी आदित्यनाथ ने कर्नाटक में भी हनुमानजी का जिक्र किया. विकास जैसी चीजों से इन लोगों का कोई लेना देना नहीं है.

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