“एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स का चलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा.”

नई दिल्ली: एक ओर जहां यह कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रत्यत्नशील हैं. वहीं दूसरी ओर यह खबर आ रही है कि कैशलेस ट्रानजेकशन को बढ़ावा देने की दौड़ में एटीएम क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स का चलन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. ऐसा कहना है कि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत का, जो शुक्रवार शाम यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में शामिल हुए थे.

इस दौरान पंत ने कहा, ” प्द्योगिकी का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. भारत में फिजिकल बैंकिंग लगभग समाप्त हो चुकी है और यहां प्रौद्योगिकी का इतनी तेज रफ्तार से प्रयोग हो रहा है कि अगले तीन-चार सालों में डिजिटल लेनदेन मोबाइल वॉलेट और बायोमीट्रिक माध्यमों से ही होगा. एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स का चलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा. अमेरिका और यूरोप की आबादी वृद्ध होती जाएगी, जबकि भारत की युवा आबादी होगी.”

उन्होंने आगे कहा, “भले ही ट्रंप अमेरिकी अर्थव्यवस्था के संरक्षणवाद की बात करते हों, लेकिन यहां संरक्षणवाद की कोई चर्चा नहीं है. भारत वैश्वीकरण में यकीन रखता है और वह कभी भी संरक्षणवाद की बात नहीं करेगा। परिणामस्वरूप भारत ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, जो निवेश और विकास को आकर्षित करेगा और आर्थिक सहभागिता का उत्कृष्ट केंद्र बन जाएगा. करीब 1500 कंपनियों ने हैदराबाद और बेंगलुरू में अपने नवाचार केंद्र खोले हैं. भारत सस्ती इंजीनियरिंग का केंद्र है.”



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साभार: जनसत्ता

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