इस कंपनी का सिम जनवरी 2018 में होने वाली है बंद लाखो लोगो को लगेगा बहुत बड़ा झटका…
— December 23, 2017Jio ने टेलिकॉम इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है. बड़े-बड़े टेलिकॉम कंपनिया जिओ के सामने तास के पत्तो की…
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बहुत जल्द कम हो सकती हैं. यह हम नहीं बल्कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के बातों से लग रहा हैं. जी हां आज राज्यसभा अरुण जेटली में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में है लेकिन इसका फैसला जीएसटी परिषद को करना है. पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी में शामिल होने से उनके दाम पर सीधा असर होगा. बताया जाता हैं कि अगर ऐसा हो जाता है तो दाम लगभग आधा हो जायेगा.
अरुण जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान बीजू जनता दल के देवेन्द्र गौड़ द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि जीएसटी के लिए जो संविधान संशोधन किया गया था उसमें पेट्रोल को शामिल किया गया था लेकिन उसे लागू करने का फैसला जीएसटी परिषद को करना है. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के भी वित्त मंत्री शामिल होते हैं और सबको मिलकर फैसला करना होता है.
पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस सदस्य पी चिदंबरम ने प्रश्न पूछते हुए कहा कि सरकार का क्या इरादा है, क्या वह जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम पदार्थ को लाने के पक्ष में है. जब देश के 19 राज्यों में बीजेपी की सरकार है तो राज्य सरकारों को इसके लिए तैयार करने में परेशानी किस बात की है. इस पर जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार इसके पक्ष में है और उम्मीद है कि राज्य सरकारें इसके लिए तैयार हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि हर महीने जीएसटी परिषद की बैठक होती है और अगली बैठक जनवरी में होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में अब तक जितने फैसले लिए गए हैं वे सभी सर्वसम्मति से लिए गए हैं.
Leave a reply