भाजपा मे टिकट को लेकर फसा है यह पेंच …

लखनऊ.लखनऊ में इन दिनों भाजपा मेयर पद के उम्मीदवार के टिकट को लेकर पार्टी आलाकमान की मुश्किलें बढ़ गई हैं.सूत्रों के मुताबिक लखनऊ मेयर व पार्षदों का टिकट डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की सहमति पर ही दिया जाना है, लेकिन उससे पहले पार्टी के अंदर कई मंत्री अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए दबाव बना रहे हैं. बता दे, लखनऊ के पूर्व महापौर व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ दो और कैबिनेट मंत्रियों के बीच प्रत्याशी के चयन को लेकर अनबन चल रही है.

नई बन पाई आपसी सहमति.

इधर पिछले 4 दिनों से चल रही बैठक में फिलहाल अभी तक कोई नाम फाइनल नहीं हो पाया है. यहां तक की सिटिंग पार्षदों की कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई.

प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार इस वक्त दबाव बहुत है. मंत्री बृजेश पाठक, रीता बहुगुणा जोशी और स्वाति सिंह समेत कई माननीयों ने अपनी लिस्ट सौंपी है.

VVIP का है दबाव

इस बार नगर निकाय चुनावों में भाजपा टिकटों की घोषणा को लेकर काफ़ी उलझन में है. यहां तक की मेयर पद पर भी संशय बरकरार है. 6 दिन पहले तक मेयर पद की उम्मीदवार खुद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की पत्नी भी थीं, लेकिन पार्टी के दबाव में उनके नाम को लेकर दिनेश शर्मा ने खुद खारिज कर दिया था.

लखनऊ में भाजपा के मौजूदा पाषर्दों के टिकट को लेकर भी इस बार पॉलिसी बननी थी, लेकिन 4 बैठकों के बाद भी कोई पॉलिसी नहीं बन पाई है। जिससे वर्तमान पार्षद अपने अस्तित्व को लेकर खुद परेशान हैं.

ऐसे में सिटिंग पार्षदों के टिकट पर संकट मंडराना तय है और अगर उन्हें कन्टिन्यू किया गया, तो ऐसे वर्कस का क्या होगा, जो लोकसभा-विधानसभा से इसी उम्मीद पर चल रहे हैं.

इन सबके पीछे पार्टी पर वीवीआईपी दबाव है, जिसके वजह से किसी की घोषणा नहीं हो पाई है. टिकटों की घोषणा होने के बाद भी पार्टी में घमाशन मचना तय है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पिछले हफ्ते 3 विधायकों और महिला राज्यमंत्री की लिस्ट को सिरे से सिटिंग पॉलिसी मैटर बताकर खारिज कर दिया था.

रीता जोशी बनाना चाहती थीं शबनम पांडे को मेयर प्रत्याशी

चुनाव समिति की शुरूआती बैठक में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को सौंपी गई लिस्ट में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक की विधानसभा के 5 पार्षद प्रत्याशी, कैबिनेट मंत्री रीता जोशी की विधानसभा कैंट के 4 और कैबिनेट मंत्री गोपाल टंडन ने 7 प्रत्याशियों की लिस्ट को शामिल किया गया था.

इनके अलावा जिन महिला राज्यमंत्री के प्रत्याशियों की लिस्ट को पॉलिसी मैटर बताकर खारिज कर दिया गया था, उनमें से स्वाति सिंह, विधायक नीरज बोरा, भी शामिल थे. लेकिन चुनाव समिति में इन सभी ने अपनीं बात ‘ये कहकर पहुंचाई है कि- ‘मेयर दि बॉस‘ की मेहरबानीं है.

भाजपा की 3 दिवसीय चली बैठक गुरूवार को समाप्त हो गई. सूत्रों के अनुसार भाजपा जल्द ही भाजपा लिस्ट जारी करेगी. जिसमें वीवीआईपी और सिटिंग पॉलिसी का कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा.

क्या है सिटिंग पॉलिसी

भाजपा ने निकाय चुनावों के लिए इस बार सिटिंग पॉलिसी बनाने का फैसला किया है. इस पॉलिसी के आधार पर यह तय किया जाना है कि वर्तमान में जो पार्षद हैं उनको टिकट दिया जाएगा या किसी नए प्रत्याशी को वहां से उतारा जाएगा. बैठक में इसी प्रकार की ट्रांसपैरेंट पॉलिसी पर निणर्य होना था, लेकिन वो पॉलिसी नहीं बन पाई.

ये हैं नामांकन की अंतिम तारीख

निकाय चुनाव तीन चरणों में होने हैं. पहले चरण की नामांकन की आखिरी तारीख, 6 नवंबर, दूसरे चरण की 7 नवंबर और तीसरे चरण के लिए 10 नवंबर है.

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