एक सीधी साधी बहू से मंझी हुई राजनेत्री बनी डिंपल यादव की कामयाबी लगातार बढ़ती जा रही है. 2009 में लोकसभा उपचुनाव के जरिए राजनीति में कदम रखने वाली डिंपल यादव की परिपक्वता 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरना देखने को मिली. कहा जा रहा है कि डिंपल अपनी जनसभाओं में लोगों को अपने भाषण में मंत्रमुग्ध कर देती है. हालांकि डिंपल का चुनावी भाषण स्क्रिप्टेड होता है.
लेकिन इस भाषण के दौरान डिंपल की हाजिर जवाबी पर खूब तालियां बजती हैं. जबकि डिंपल अपनी इस अदा से युवा और महिला वोटरों को काफी प्रभावित भी करती हैं. पिछले चुनावों की बात करें तो डिंपल युवा और महिला वोटरों पर सपा की छाप छोड़ने में काफी हिट भी साबित हुई हैं. शायद यही वजह है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनकी राजनीतिक क्षमताओं को देखते हुए उन्हें पार्टी कैम्पेन के लिए प्रवक्ता बनाया.
लेकिन इन सबके बीच यह भी सुनने को मिल रहा है कि डिंपल की सक्रियता को लेकर सपा गठबंधन में शामिल कोंग्रेस को जलन हो रही है. ऐसा कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है. जबकि यह भी उम्मीद की जा रही है अगर सपा सरकार दोबारा सत्ता में आती है तो डिंपल को और भी कई जिम्मेदारी अपने पति और सपा अध्यक्ष से मिल सकती है.