ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म का गोरखपुर ट्रेजेडी पर बड़ा ख़ुलासा…

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौतों पर आये दिन नई नई बातें सामने आ रही हैं. जहाँ एक तरफ़ यूपी सरकार कुछ और कह रही वहीँ दूसरी तरफ़ ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म का बयान कुछ अलग की ख़ुलासा कर रही है.

आपको बता दें की ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली फर्म का कहना कि अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई का कॉन्ट्रेक्ट मार्च में ही समाप्त हो गया था. उसके बाद कॉन्ट्रेक्ट को रिन्यू नहीं किया गया. पुष्पा सेल्स कंपनी के मालिक परवीन मोदी, जो बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई करते थे, ने साफ तौर पर सप्लाई के किसी टेंडर से इनकार कर दिया.

उन्होंने मीडिया से हुई बातचीत में बताया कि अस्पताल के साथ कॉन्ट्रेक्ट मार्च में ही खत्म हो गया था और इसे फिर से रिन्यू नहीं किया करवाया गया. उन्होंने बताया कि जब तक नए टेंडर की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं, तब तक सप्लायर को बिना किसी रुकावट के इसे जारी रखने के लिए कहा जाता है, जबकि इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया.

परवीन ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अस्पताल पर अभी तक 20 लाख रुपए बकाया है, इसके बावजूद मंडलायुक्त के अनुरोध पर शुक्रवार को लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की गई थी. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा सिर्फ मानवता के नाते किया. उन्होंने उन रिपोर्टों का खंडन किया है. जिनमें कहा गया है कि उन्होंने बकाया भुगतान न मिलने के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी.

परवीन के अपने बयान में कहा कि मैंने अधिकारियों द्वारा किए गए अनुरोध के बाद 200 सिलेंडर की सप्लाई की है. आपको बता दें की जब ये बात सामने आई की केंद्रीय ऑक्सीजन पाइपलाइन संयंत्र के स्टाफ ने अस्पताल के बाल चिकित्सा विभाग के प्रमुख को ऑक्सीजन स्टॉक के बारे में चेतावनी देते हुए लिखा था तब यह राज्य सरकार के लिए और अधिक शर्मिंदगी की बात कही जा रही है.

उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल में विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों और खासकर बच्चों को परेशानी हो सकती है.इस सब से तो ऐसा ही लगता है कि चेतावनी को अनसुना कर दिया गया और ऑक्सीजन के लिए कोई अग्रिम व्यवस्था नहीं की गई.

इस न्यूज़ को शेयर करे और कमेंट कर अपनी राय दे.



Loading...

Tagged with: BRD medical college gorakhpur news Hospital encephalitis Oxygen shortage of oxygen

Leave a reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *