ब्रेकिंग: राज्यपाल रामनाईक के दखल से अखिलेश सरकार की किरकिरी हुई!
— March 17, 2017
Edited by: chandramohan pandey on March 17, 2017.
राज्यपाल रामनाईक ने अखिलेश सरकार की मनमानी को रोकने के लिए, लगातार प्रयास किये. उन्होंने प्रदेश में हर संभव लोगों के लिए राजभवन का दरवाजा खोले रखा ताकी लोगों के समस्याओं को दूर किया जा सके. आपको बता दे कि दुष्कर्म के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल में बनाए रखने पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर औचित्य बताने के लिए कहा था. लेकिन सरकार ने नोटिस नहीं लिया.
फिर मथुरा के जवाहर बाग में अवैध कब्जे को हटाने के दौरान जान-माल के नुकसान पर राज्यपाल ने सरकार से सरकारी जमीन पर कब्जे के संबंध में श्वेत पत्र जारी करने को कई पत्र लिखे लेकिन, अखिलेश सरकार चुप रही. मंत्रियों व अफसरों के भ्रष्टाचार संबंधी लोकायुक्त की 50 जांच रिपोर्ट में से 48 पर कार्यवाही न होने के संबंध में राज्यपाल ने कई पत्र लिखे लेकिन कुछ नहीं किया गया. इससे अखिलेश यादव पर भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर न होने के आरोप लगे.
उसके बाद लोकायुक्त की नियुक्ति के मुद्दे पर भी राज्यपाल के दखल से सपा सरकार की किरकिरी हुई और अंतत: फैसले बदलने पड़े. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यपाल ने आपराधिक मामलों में लिप्त व्यक्तियों को एमएलसी नहीं बनने दिया. राज्यपाल व राजभवन पर मंत्री आजम खां की टिप्पणी पर राम नाईक ने गंभीर रुख अपनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. अंतत: कार्यवाही से मंत्री की अमर्यादित टिप्पणी का एक-तिहाई हिस्सा हटाना पड़ा. आजम खां के मंसूबों पर पानी फेरते हुए राज्यपाल ने महापौरों के अधिकारों में कटौती संबंधी विधेयक हरी झंडी नहीं दी. वहीं, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिलने दिया.
इस न्यूज़ को शेयर करे और कमेंट कर अपनी राय दे.
Leave a reply