इस्लाम को आतंकवाद से बचाने के लिए इमामों ने की पहल

बागपत. आतंकवाद को रोकने की कोशिशों के मद्देनजर जिले के बड़ौत नगर में संचालित तमाम मदरसों और मस्जिदों ने मिलकर कड़ा फैसला किया है. इसके अनुसार अब इन जगहों पर आकर रुकने वालों चाहे वो छात्र हो या इमाम, उसे अपनी पहचान का सबूत देना अनिवार्य कर दिया गया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को स्थानीय 66 मदरसों के इमामों की एक बैठक में यह फैसला लिया गया. इसके अनुसार बाहरी जिलों या अन्य राज्यों से आकर यहाँ पढ़ने वाले छात्रों और इमामों की पूरी पहचान मदरसे के रजिस्टर में दर्ज की जायेगी.

इसके लिए उन्हें अपना आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र जमा कराना होगा जिससे संतुष्ट होने के बाद ही मदरसा प्रबंधक उन्हें अन्दर दाखिला देंगे. हालांकि एसपी के अनुसार ये मस्जिद में इमामों का अपना फैसला है इसमें पुलिस का कोई रोल नहीं है.

ज्ञात हो कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही मस्जिदों में आने-जाने वालों की पहचान को लेकर लंबे समय से कोई न कोई विवाद उठ खड़ा होता रहा है. आतंकवादी घटनाओं की जांच के दौरान कई बार ऐसे वाकये सामने आये हैं जिसमें आरोपियों ने मदरसों में तालीम पायी है.


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