उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में रार मच गई थी. जो काफी दिन तक चली. हालांकि चुनाव के बाद भी पार्टी में कुछ ऐसे ही हालात रहे लेकिन अन्तर्विरोध सामने नहीं आया. केवल शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चा बनाने का ऐलान किया. लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि इस यह कोई राजनीतिक दल नहीं है. इस मोर्चे से समाजवादी पार्टी का विकास होगा. जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह कहा था कि उन्हें इस बात से कोई लेने देना नहीं कोई कुछ भी बनाये.
सपा नेताओं की माने तो अखिलेश हमेशा से चाहते थे कि सिधान्तों से कोई समझौता न किया जाए और पार्टी में अच्छी छवि नेताओं की भर्ती हो. चुनाव से पहले भी अखिलेश अच्छी छवि वाले नेताओं को टिकट भी देना चाहते थे. जिसके कारण उनके और शिवपाल के बीच मतभेद भी हुआ था. ऐसी ही परिस्थीती में एक बार फिर से उत्पन्न होने वाली है क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में जहां अखिलेश कांग्रेस और यूपीए को समर्थन करना चाहते हैं तो वहीं उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है.
मुलायम ने कहा है कि कोविंद एक अच्छे व्यक्ति हैं. कोविंद के साथ में मेरे संबंध अच्छा है. उन्होंने यह बताया था कि बीजेपी के पास इस समय बहुमत है. यदि कुछ प्रतिशत वोट की जरूरत भी पड़ती है तो बीजेपी इसकी व्यवस्था कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश द्वारा कोविंद को लेकर कोई बयाना नहीं दिया है.
इससे जाहिर है कि अखिलेश अपने साथी कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा चुने हुए उम्मदीवार का ही समर्थन करेगी. ऐसे भी वो हमेशा से कहते आ रहे है कि सपा और कांग्रेस की दोस्ती दूर तक जा रही है. ऐसे में अगर मुलायम और अखिलेश के फैसले को देखे तो यह कहा जा सकता है कि सपा में दो सूरमाओं के रास्ते अलग हो गये हैं.
Leave a reply