12 सितंबर को iPhone 8 को टक्कर देने उतरेगी ये शानदार फ़ोन…
— September 9, 201712 सितंबर को एप्पल अपना आईफोन 8 लॉन्च करने जा रहा है. ठीक इसी दिन इसे सैमसंग का फ्लैगशिप Galaxy…
केंद्र सरकार नया कानून लाने की तैयारी कर रही है जिसके अंतर्गत कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन करीब दोगुने बढ़ोतरी के साथ 18,000 रुपये प्रति महीना हो जाएगा. यहाँ आपको बता दें की यह शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट लेबर पर भी लागू होगा, जिन्हें वेतन के मामले में सबसे अधिक शोषणकारी स्थिति में काम करना पड़ता है. नया कानून संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा.
मगर यह अच्छी खबर श्रमिकों के लिए बुरी भी हो सकती है. न्यूनतम मजदूरी दोगुनी किए जाने से स्मॉल स्केल सेक्टर को झटका लग सकता है, जो कि सबसे ज्यादा ‘सस्ते श्रमिकों’ को रोजगार उपलब्ध कराता है. बहुत सी स्मॉल स्केल इकाइयां नए कानून के मुताबिक मजदूरी देने में असमर्थ होंगी, क्योंकि उन्हें पहले से ही कई समस्याओं से संघर्ष करना पड़ रहा है.
नोटबंदी ने छोटे स्तर के उद्योगों को सबसे अधिक प्रभावित किया, क्योंकि उनके दैनिक परिचालन के लिए कैश बहुत जरूरी है. इसके बाद गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने से भी कारोबार बाधित हुआ. इसके बाद यह कम ही संभावना है की इस सेक्टर की समस्याएं जल्द दूर हो जाएंगी. बड़े पैमाने पर छंटनी हुई तो यह गरीब श्रमिकों के लिए काफी बुरा होगा. 78 पर्सेंट फर्म्स स्मॉल स्केल हैं, जिनमें 50 से कम कर्मचारी काम करते हैं. ऐसे समय में जबकि सरकार के लिए रोजगार का सृजन बड़ी चुनौती है, न्यूनतम वेतन को दोगुना किए जाने से समस्या गहरा सकती है.
रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में हर महीने करीब 10 लाख नई नौकरियों की जरूरत है, लेकिन 2015 में आए सरकारी आंकड़ों के ने बताया था कि हर महीने केवल 10,000 नौकरियां ही सृजित हो रही हैं.
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