आगामी UP विधान सभा चुनाव में ऐसे हराएंगे नीतीश मोदी को…
— November 21, 2016लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनावों में मिली आपार सफ़लता के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफ़ी उत्साहित है.अब उसी के तर्ज पर…
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीते 8 नवम्बर को देश से 1000 और 500 के नोटों का प्रचलन बंद करने के फैसले के बाद जहां कुछ ही लोगों ने उनका समर्थन किया, तो देश के आधा से अधिक लोग पीएम द्वारा अचानक लिए गये इस फैसले को सहीं नहीं करार दिया. ये सच है कि पीएम के इस फैसले से कालाधन पर आंशिक तौर पर रोक लग सकता हैं. लेकिन यह भी सच है कि उनके इस कड़क फैसले से कई लोगों को काफी परेशानियों का सामना पड़ा हैं. देश के अभिभावक के समान प्रधानमंत्री को भले ही लगा रहा है कि उनका यह फैलसा कड़क हैं. लेकिन उनके इस फैसले से देश की 90 फीसदी लोगों की पीड़ा को देखकर यह कहा जा सकता हैं कि देश के अभिभावक ने बिना तैयारी के यह बड़ा फैसला लिया हैं. जिसमें उनकी सकरार की अपरिपक्वता साफ झलकती हैं.
इसके साथ ही जहां तक विरोधियों की बात हैं तो यूपी में मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई दलों ने मोर्चा खोलना शुरू कर दिया हैं. ये दल जनता की परेशानियों को देखते हुए सड़क पर भी उतर आये हैं. कहा जा रहा है कि स्कूल और कालेजों के परिसर, बाजार व गांवों की चौपाल तक भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध शुरू हो चूका है. यहाँ तक के संभल में कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर पर कालिख भी पोत दी और अपने विरोध की जाहिर किया.
जबकि कांग्रेस के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने नोटबंदी के बाद कालेजों के परिसरों में भी सरकार के खिलाफ मुहीम छेड़ दी है. ऐसा ही कुछ आगे भी होने की संभावना जताई जा रही हैं. साथ ही यूपी जनता अपनी परेशानीयों को और दिक्कतों देख बीजेपी को वोट देने से कहीं कतरा न जाए यह भी उम्मीद कीया जा सकता है.
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