बसपा छोड़ने के बाद मौर्या की हुई चांदी, यह बड़ी सियासी दल बनाएगी उन्हें सीएम कैंडिडेट
— June 26, 2016
बसपा के बागी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मायावती का साथ छोड़ने के बाद यूपी में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश ही रहें थे कि इसी बिच पिछड़ी जाती पर अच्छी पकड़ होने के कारण एक सियासी पार्टी द्वारा इन्हें यूपी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव भेजा गे है. यह प्रस्ताव मौर्या को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआइ) के अध्यक्ष व डॉ.भीमराव अंबेडकर के प्रपौत्र प्रकाश राव अंबेडकर ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के जरिए भेजा है.
बताया जा रहा है कि प्रकाश की पार्टी आरपीआइ भी स्वामी के जरीय यूपी की सियासत में अपना सिक्का चमकाना चाहती है. जिस कारण आरपीआइ मौर्य को रिझाने की पूरी कोशिश में लगी हुई है. बसपा से निकलने के बाद मौर्य का समाजवादी पार्टी और बीजेपी से भी संबंध अब खट्टे हो गएं हैं. इसी बिच मौके का फायदा उठा कर आरपीआइ के अध्यक्ष ने अपने राष्ट्रीय संयोजक अशोक भारतीय हाथ से मौर्य को एक रिझाने वाला प्रस्ताव
भेज दिया है.
इस मामले में आरपीआई के संयोजक अशोक भारतीय का यह कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के अंबेडकरवादी नेता रहे हैं जबकि आरपीआई भी एक अम्बेदकारी राजनीतिक दल है. साथ ही मौर्या हमेशा पिछड़ो और दलितों के साथ खड़े होते आए हैं. इसीलिए उनके नेतृत्व में अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति की लड़ाई यूपी में अच्छे तरीके से लड़ी जा सकती है.
हांलाकि मौर्य ने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के इस प्रस्ताव पर अपना उत्तर नहीं दिया है लेकिन फिर भी इस बड़े प्रस्ताव के बाद यह साबित होता दिख रहा है कि मौर्या यूपी महासंग्राम के महायोद्धा है. जिसने बहुजन समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर मायावती के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ा कर दिया है क्योंकि माया ने भी मौर्या के रूप में अपना सबसे मजबूत सिपाही को खो दिया है, जो उनकी डूबती नय्या को आसानी से पार लगा सकता था.
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