आपके साथ भी होता है ऐसा तो समझ ले पिछले जन्म से जुड़ा हैं राज, पढ़ें क्या कहते है वैज्ञानिक

आज आपलोग एक ऐसी चीज से रूबरू होने वाले हैं. जो कभी न कभी और कही न कही सभी के साथ होता है. और वो घटना होने के बाद एक दम अचंभित या सोच में पड़ जाते है,की आखिर ये कैसे हो सकता है. अब आपलोगों को मन में ये जरुर आ रहा होगा आखिर मै वो ऐसा किस चीज की बात कर रहा हूँ ? और अगर आप ये पोस्ट पढ़ रहे है तो आप एक कदम औरो से आगे है क्यूंकि आपमें सिखने की ललक है. तो चलिए दोस्तों अब बात करते है, वो बात की जिसको जानने के लिए आप ये पोस्ट पढ़ रहे है.

क्या ऐसा हो सकता है की वर्तमान और भूतकाल एक साथ चल रहे हो. तो आपका आंसर होगा नहीं ये कैसे हो सकता है? तो दोस्तों क्या आपने कभी déjà vu के बारे में सुना है. Déjà vu अर्थ होता है. पहले से देखा हुआ. यह एक फ्रेंच शब्द है.

क्या है Déjà vuक्या आपको कभी ऐसा फील या अनुभव हुआ है? की जो काम अभी कर रहे हैं . वो पहले भी कर चुके है. जो घटना आपके साथ अभी घटी है. वो पहले भी एकदम वैसे ही घटित हो चुकी है. यहाँ तक की आप किसी नयी जगह गए हो. जहाँ आप पहले नहीं गए हो, लेकिन फिर भी क्या आपको, ऐसा कभी लगा है, की आप उस जगह पर पहले भी आ चुके है. कई लोगो ने ऐसी चीजो को अनुभव भी किया होगा.शायद कभी आप भी किये होंगे तो ऐसी ही अनभूतियो को कहते है “Déjà vu”.जो लोग Déjà vu को महसूस करते है उन्हें लगता है, की पहले भी ऐसी घटना उनके साथ घटित हो चुकी है .लेकिन ऐसा कब हुआ था .उनको पता नहीं चलता

क्यूँ होती है ऐसी की अनुभूति 2004 में एक कुछ मनोवैज्ञानिको ने एक रिसर्च की थी जिसमे उन्होंने पाया था. की दुनिया में मौजूद 65% लोगो को ऎसी अनुभूति होती है. अगर धार्मिक कारण से इसको देखते है, तो कहा जाता है की पिछले जन्म की कुछ यादे हमारे दिमाग में स्टोर रहती है. और यह यादें एक ऐसी जगह होती है, जहाँ हमलोग पहुँच नहीं पाते हैं. लेकिन वैज्ञानिको का कहना है की…

हमारा दिमाग यानी खोपड़ी एक कंप्यूटर हार्ड ड्राइव की तरह होता है .जिसमे अलग अलग यादें दिमाग के हार्ड ड्राइव के अलग अलग फोल्डर में स्टोर होते है.और कभी कभी ये यादें हमारे दिमाग के एक ऐसे hidden फोल्डर में स्टोर हो जाती है, जिसे हमारा दिमाग पूरी तरह भुला दिया होता है, लेकिन सिर्फ भूलता है मगर वो यादें तो स्टोर होती ही है लेकिन हमारे दिमाग ये भूल जाता है की वो याद वाली फोल्डर कहाँ है. और जब हम एक नए अनुभव को जी रहे होते हैं. तो हमारा दिमाग उस याद को सर्च करके उस फोल्डर में से निकाल कर फिर से शो कर देता है. और हमारा दिमाग वर्तमान में चल रही घटनाओ से compare करना लगता है.और उसी वक़्त हमलोगों को Déjà vu का अनुभव होता है और लगने लगता है की इस पल को हमने पहले भी जी लिया है. लेकिन…लेकिन… जिस वैज्ञानिक ने यह थ्योरी दी थी आज तक वो भी नहीं पता कर पाए की ये जो यादें होती है इस जीवन की या किसी पिछले जन्म की या ये सब सिर्फ भ्रम है.

सतर्क रहे

वैज्ञानिको का मानना है की आगरा आपके साथ Déjà vu की घटना बार बार होती है तो ये अच्छी बात नहीं है, आपको तुरंत किसी अच्छे डॉ. से दिखलवाना चाहिए.

अब आपको शायद समझ में आ गया होगा की ऐसा क्यों होता है इस पर एक फिल्म भी बनी थी जिसका नाम भी Déjà vu ही था. उसको देखने के बाद आप पूरी तरह समझ जायेंगे.

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