“प्रदेश के 16 लाख बच्चे गरीबी के चलते स्कूल का दरवाजा नहीं देख पाते”
— July 1, 2016
एजेंसी: भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में कुपोषण की स्थित पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की है. पार्टी के क्षेत्रीय(गोरखपुर) प्रवक्ता डा0 सत्येन्द्र सिन्हा ने यूनीसेफ की रिर्पोट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के हजारों बच्चों की प्रतिवर्ष कुपोषण से मृत्यु हो जाती है तथा 22 लाख बच्चों को रोजी-रोटी के लिए स्कूल छोड़ना पड़ता है यह है प्रदेश की सपा सरकार के विकास की असली तस्वीर.
डा0 सिन्हा ने कहा कि सरकार विकास के दावे करते नहीं थकती और जमीनी हकीकत यह कि प्रदेश के 16 लाख बच्चे गरीबी के चलते स्कूल का दरवाजा तक नहीं देख पाते। उन्होंने कहा कि सरकार के नित नए दावें प्रदेश की जो खुशनुमा तस्वीर पेश करते है लेकिन प्रदेश की जमीनी हकीकत पूरी तरह भिन्न और धूमिल है। जिस प्रदेश में 18 प्रतिशत बेटियां कुपोषित हो तथा 14 लाख बच्चों का वजन स्वास्थ के मानक से कम हो वहां सरकार द्वारा किये जा रहे बड़े-बड़े दावे असलियत को झुठलाना है.
प्रदेश सरकार यदि प्रदेश के वास्तविक विकास का आंकलन करना चाहती है तो उसे प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों की गुणवत्ता तथा स्वास्थ्य की स्थिति के आइने में अपने को देखना होगा. डा0 सिन्हा ने ये भी कहा कि यूनीसेफ द्वारा उ0प्र0 को लेकर स्वास्थ्य व शिक्षा की रिर्पोट प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व कुपोषण पर किये गये कार्यो के दावों को पूरी तरह खारिज करती है.
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