लखनऊ: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने मंगलवार को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी को लेकर जमकर घेरा और टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. कहा जा रहा है कि ममता की रैली में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे. लेकिन आपको यह जान के आश्चर्य होगा कि इस रैली में शामिल हुए कई लोग ने यह कहा कि वो मामता बनर्जी को नहीं जानते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें रैली में शामिल होने बदले 200-200 रुपए दिए गये थे.
रैली में ऐसे कई लोग ऐसे थे जो 200 के लिए ही लेकर ही सुबह से शाम 5 बजे तक रैली स्थल पर मौजुद रहे. हिन्दी अख़बार दैनिक भास्कर के अनुसार टीएमसी नेता आर के सिंह चौहान ने भी कई दिहाड़ी मजदूरों को 200 रूपये देकर रैली में बुलाने का काम किया है. ये मजदुर ममता बनर्जी को नहीं पहचानते हैं. रैली में आये ये मजदुर अपने हाथों में पोस्टर और पार्टी के झन्डे लिए हुए थे. जानकारों के मुताबिक 200 रुपए लेकर करीब 300 दिहाड़ी मजदुर रैली में शामिल हुए थे.
जबकि करीब 40 से 50 महिलाएं भी ऐसी थी जिन्हें भी रैली में शामिल होने के बदले कंबल देने का वादा किया गया था. बढ़ते ठंड को देख इन गरीब महिलाओं के पुरे परिवार के लोग इस रैली में कंबल के खातिर शामिल होने आये थे. कहा जा रहा है कि इन दिहाड़ी मजदूरों को ममता की भाषण के दौरान तालियां बजाने का काम दिया गया था.
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