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अलीगढ. कानून की हिफाजत करने की शपथ लेनेवाले एक जज ने अपनी ही पत्नी को तीन बार बोलकर तलाक दे दिया है. इस घटना के बाद पीडिता ने मुख्य न्यायाधीश के पास न्याय की गुहार लगायी है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अलीगढ़ के डिस्ट्रिक्ट जज मो. ज़हीरुद्दीन सिद्दिकी ने अपनी 47 वर्षीया पत्नी अफशा खान को मौखिक रूप से तीन बार कहकर तलाक दे दिया. इससे आक्रोशित अफशा ने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर कहा है कि उनके खिलाफ अन्याय उस व्यक्ति द्वारा किया गया है जिसके ऊपर लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है.
अफशा ने अपने शिकायत में ये भी कहा है कि उसके पति और परिवार वाले उसे प्रताड़ित भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जज और उनके परिवार को तुरंत जेल भेजकर सोसायटी को एक मैसेज देना चाहिए.
ऐसे ही एक मामले में हाल ही में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से इस प्रथा में बदलाव की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया था. बोर्ड के प्रवक्ता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया था कि ‘वैसे तीन बार तलाक कहना एक अपराध है लेकिन एक बार बोल दिए जाने पर तलाक पूरा समझा जाता है और इसे बदला नहीं जा सकता.’
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