पीजीआई में सीएम योगी ने डॉक्टरों को सिखाई मानवता पाठ…

राजधानी लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के 22वें दिक्षण समारोह में शनिवार को हिस्सा लेने पूछे. जहाँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवा डॉक्टरों को मानवता का पाठ पढ़ते हुए कहा कि वे पैसे के पीछे न भागें. उन्होंने कहा मानवता की सेवा से पैसा भी आएगा और सम्मान भी.

इस मौके पर सीएम योगी ने 87 मेधावियों को बधाई दी और उनके मंगल भविष्य के लिए कामना की. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि “सत्य और धर्म हमें कर्तव्यों के मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है. हम हर नारी को मां के समान देखें.”

उन्होंने यह भी कहा कि “अतिथि वो नहीं जो परिचित हैं. जो अपरिचित हैं वही अतिथि हैं. चिकित्सक के लिए मरीज से बड़ा कोई अतिथि नहीं. रामायण में रावण के वैद्य का जिक्र हैं. रावण का वैद्य लक्ष्मण को स्वस्थ करता है. रेड क्रॉस भी सिर्फ मानव मात्र की सेवा के लिए बना”

मुख्यमंत्री ने कहा पीजीआई यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं. “हमारी युवा टीम जिनको आज डिग्री मिली है, वे खुद को मशीन न बनाएं. पैसे से दूर रह कर मानवता की सेवा करें. मानवता की सेवा से पैसा भी आएगा और सम्मान भी”

सीएम ने उन्हें कहा कि सिर्फ डिग्री लेने भर से काम खत्म नहीं हुआ है. अभी आगे मानवता की सेवा करनी बाकि है. उन्होंने कहा, “आपने टेक्नोलॉजी से खुद को जोड़ कर रखा हैं. इसका रिजल्ट दिखना चाहिए. 473 करोड़ पीजीआई को लोन दिया हैं. लोन सरकार को भरना हैं. सरकार हर तरीके से सहयोग को तैयार हैं मगर रिजल्ट तो दें. हमे चिकित्सा शिक्षा को टेक्नोलॉजी से जोड़ना ही पड़ेगा.”

मुख्यमंत्री ने कहा, इंसेफ्लाटिस के मरीजों को देखकर दुःख होता हैं. इंसेफ्लाटिस के लिए शोध की जरूरत हैं. अगर कोई चिकित्सक ईमानदारी से काम करता तो इंसेफ्लाटिस खत्म हो जाता. हमें चिकित्सा सेवा को संकल्प से जोड़ने का प्रयास करना होगा. उपचार के बजाय समस्या के मूल को खत्म करने की आवश्यकता हैं.

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