फर्जी इंस्पेक्टर बन कर रहा था वसूली, इस लड़की की गाड़ी को रोकना पड़ गया भारी, गई जॉब

राजधानी के शहीद पथ पर उस समय भीड़ लग गया जब एक लड़की बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी. मामला यह है कि पीएसी में तैनात एक दारोगा राजेंद्र कुमार शुक्ला ड्यूटी खत्म करने के बाद वर्दीधारी साथी को लेकर वसूली करने निकला था. शुक्रवार रात 8:45 बजे कथित ट्रैफिक इंस्पेक्टर आर. के. शुक्ला ने स्व‍िफ्ट कार को रोका. कार को प्रतीची सिंह ड्राइव कर रही थीं. कागज देखने की बात कहकर शुक्ला ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और कार चलाने लगा.

प्रतीची ने बताया कि “मैं अपने ऑफिस मेंबर के साथ ऑफिस काम से गई थी. वापस लौटते रात करीब 8:45 पर शहीद पथ के असंल चौकी के पास खड़े एक पुलिस कर्मी ने हमें रोक लिया. गाड़ी रोकने पर उसने मुझे ड्राइविंग सीट से उतरने को कहा. वो खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और ड्राइव करने लगा. हम डर गए. ऐसी चेकिंग मैंने अपनी लाइफ में पहली बार देखी. गाड़ी का कागज दिखाया जा रहा था, लेकिन वो रुपए की डिमांड करने लगा. जब रुपए की बात का विरोध किया, तब वो बोला- अब तुम दोनों जेल जाओगे.”

“मैंने कार से बाहर मुहं करके चिल्लाना शुरू कर दिया. इसके बाद वो फिर बोला- अब तुमको पक्का जेल भेजूंगा. तुम बहुत शोर कर रही हो, अभी महिला पुलिस बुलाता हूं. उसने कहा- तुम्हारे पास जितने रुपये हैं दे दो, बच जाओगे” “तब तक शोर सुनकर काफी लोग आ गए और फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर को पकड़ लिया, जब उसकी पोल खुली तब वो सिस्टर-सिस्टर कहकर माफी मांगने लगा”

कमांडेंट ने उसे निलंबित करके विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. रवि शंकर निम, एएसपी ट्रैफिक ने बताया- वो कानपुर में तैनात है. वो भी एक साल में पांच बार वसूली करते हुए पकड़ा गया, लेकिन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की. उसी के सहयोग से राजेंद्र की ट्रैफिक अफसरों से साठगांठ हो गई, यही वजह है कि वो खुद को टीएसआई बताकर बेखौफ होकर कई महीने से अवैध वसूली कर रहा था.


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