बिग ब्रेकिंग: प्रदेश में अब दोबारा नही खिलेगा कमल, मायावती और अखिलेश की चुनावी रणनीति फिर से होगा प्रदेश में…!



प्रदेश में चुनावी नतीजा आने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर evm में छेड़छाड़ का आरोप बीजेपी पर लगाया. उसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी evm के मुद्दे पर मयावती के बयानों पर सहमती जताते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी evm पर सवाल खड़े करते हुए बैलेट पेपर से MCD चुनाव में वोटिंग कराने को लेकर चुनाव आयोग से मांग किया था. लेकिन आयोग ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था. इसी बीच में वकील मनोहर लाल शर्मा के द्वारा विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ करने के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिया गया था.वकील मनोहर लाल शर्मा ने (27 मार्च) सुनवाई की तारीख को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जगदीश सिंह खेहर के सामने इस मामले का उल्लेख किया था. फिलहाल इस मुद्दे पर सुनवाई 8 हफ्तों के बाद कि जायेगी, अगर कोर्ट चुनाव आयोग की रिपोर्ट से संतुष्ट नही होता है तो बड़ी कार्रवाई हो सकती है. जिससे अखिलेश और मायावती को फायदा भी मिल सकता है. फिलहाल अब देखना होगा कि कोर्ट का अगला फैसला क्या होता है?.

लेकिन अब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लोक सभा चुनाव के लिए महागठबंधन को लेकर चर्चाए जारी हो गई है. सूत्रों का कहना है कि इस बाबत में बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस के अहमद पटेल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, टीएमसी की ममता बनर्जी और राजद अध्यक्ष लालू यादव से बातचीत की है.विधान सभा नतीजों को देखा जाय तो सपा, कांग्रेस और बसपा को मिलाकर 51 फीसदी, तो भाजपा को 40 फीसदी वोट मिले हैं. अगर सभी राजनीतिक पार्टिया मिलकर लोक सभा का चुनाव लड़ती है तो 2019 में कमल खिलने से रोक सकती है. वैसे महागठबंधन इस मुद्दे को लेकर लालू यादव और रघुवंश प्रसाद जैसे कई दिग्गजों ने सभी पार्टियों को एकसाथ आने की बाते कर चुके है. अब देखना होगा कि महागठबंधन बनता है कि नही अगर महागठबंधन बनता है तो फिर से मायावती और अखिलेश साथ आ सकते है.


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