इनके साथ के बिना ही अखिलेश दिखाएंगे अपना दम?

file photo


साफ सुथरी छवि के मालिक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान अकेले समाजवादी को लीड किया. हालांकि इस बार सपा को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी यह सामने आया कि कई लोग हैं जो अखिलेश को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. उनके चाचा शिवपाल यादव जो कि यूपी में बड़ा चेहरा माने जाते हैं. उन्होंने चुनाव में अखिलेश का साथ नहीं दिया.

साथ ही सपा के स्टार प्रचारकों की सूचि में सबसे पहले नंबर पर रहे पूर्व मुख्यमंत्री और अखिलेश के पिता ने इस चुनाव में उनका साथ नहीं दिया. उसके बाबजूद भी अखिलेश ने अकेले दमपर चुनाव में धुआंधार प्रचार किया. जबकि मुलायम ने दो ही रैलियां की थी. लोग भले ही शुरू से यह कहते आये हैं कि अखिलेश एक नवसिखिये मुख्यमंत्री हैं, पर इस चुनाव में यह तो साबित हो गया है कि एक नवसिखिया भी अकेले दम पर बहुत कुछ कर सकता है.

इस बार एसपी-कांग्रेस गठबंधन को 54 सीटें मिली है. जिसमें कांग्रेस के 7 ही विधयाक जीतें हैं. इतना तो तय है कि अखिलेश के दम पर सपा को 47 सीटें मिली है. क्योंकि उनके साथ ही इस बार मुलायम-शिवपाल नहीं थे. इन सबके अलावा अखिलेश ने हाल ही में यह कहा था कि उनके आसपास रहने वाले लोगों ने उन्हें चुनाव के दौरान सही जानकारी ने नहीं दी थी. जिसके कारण उन्हें सही स्थिति की जानकारी से वंचित रहना पड़ा.

इसके आलवा यह भी बता दें कि शनिवार को मैनपुरी पहुंचे मुलायम ने अखिलेश को लेकर यह कहा था कि जो अपने पिता का न हो सका वो दुसरे का क्या होगा? जिसके बाद सियासत में इस बात की चर्चा काफी बड़े तौड़ पर हो रहे हैं कि मुलायम अखिलेश के साथ आगे साथ देने वाले नहीं हैं.

पर अखिलेश का पिछला रिकॉर्ड को देखे तो यह सामने आएगा कि वो ऐसे योद्धा है तो अकेले ही मैदान में लड़ने के लिए जा सकते हैं. इसका उदाहरण यूपी विधनासभा चुनाव हैं. जहां हार मिलने के बाद भी उनके चेहरे पर मुस्कुराहट बरकार थी. जो इस बात का संकेत था कि अगले चुनाव में वो फिर अपना दम दिखाने को तैयार हैं.



इस न्यूज़ को शेयर करे और कमेंट कर अपनी राय दे.