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न्यूज़ डेस्क: बरेली शहर के दो हिस्सों को जोड़ने वाला शहामतगंज पुल लगभग अब बनकर तैयार हो चुका है. यह पुल कुल 42 करोड़ की लागत से बनाई गयी है. अब इस पुल पर महज़ फिनिशिंग का काम बाक़ी रह गया है. वही इस पुल के उद्घाटन को लेकर सपा और भाजपा सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं.
इस पुल का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ से कराने की बात कही जा रही है, जबकि समाजवादी पार्टी सरकार इस नए पुल को अखिलेश सरकार की उपलब्धि कहकर खुद उद्घाटन करने पर तुली है. शहामतगंज पुल को लेकर प्रदेश में सियासत बढ़ती देख इस पुल के उद्घाटन तक पुल की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.
सपा के पूर्व मेयर आईएस तोमर ने पुल पर गाड़ी चढ़ा कर उसका निरीक्षण किया उसके बाद सपा के फ्रंटल संगठनों ने भी ओवरब्रिज पर पूजा कर नारियल फोड़ कर ओवरब्रिज का उदघाटन का दावा किया है. वही भाजपा के बिथरी चैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने भी मंगलवार को पुल का उद्घाटन करने का दावा किया था, लेकिन प्रदेश की तरफ से मना होने पर वो पुल से बगैर उद्घाटन किए वहां से वापस आ गए थे.
बता दे कि शहर को दो हिस्सों को जोड़ने के लिए शहामतगंज में फ्लाई ओवर बनाए जाने की मांग काफी लम्बे समय से चली आ रही थी. जिसे सपा कार्यकाल के दौरान 10 जून 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद 22 जुलाई 2016 को इस पुल का प्रपोजल मंजूर किया गया. शहामतगंज का ये पुल 7.5 मीटर ऊंचा और 1017 मीटर लम्बा है. यह पुल 31 पिलर पर टिका हुआ है और पुल को बनाने में करीब 42 करोड़ रुपये खर्च हुए है.
पुल उद्घाटन को लेकर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव का कहना है कि यह ओवरब्रिज सपा सरकार द्वारा बनवाई गयी थी. इसलिए इसका उद्घाटन करने का हक भी सपा का है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को जनता की इतनी ही ज्यादा चिंता है तो वो कुतुबखाने पर पुल बनवाए.
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