निकाय चुनाव: जाने भाजपा ने टिकट देने में क्या खेल खेला, योगी के आदेश की उड़ी धज्जियां…

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भाजपा ने एक बार फिर टिकट देने में परिवार जनों को आगे कर दिया. जहां एक तरफ पहले कहां गया था परिवारजनों को टिकट नहीं दिया जायेगा उसके ठीक उलट नगर पंचायत अध्यक्षों की जारी पहली लिस्ट में यह नियम टूटते हुए दिखा. भाजपा ने विधायकों के परिवारीजन को टिकट देने में उदारता बरती. इनमें भी विशेष रूप से दूसरे दलों से आये लोगों पर भाजपा मेहरबान दिख रही है.

निकाय चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई पहली बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने विधायकों और मंत्रियों से यह अनुरोध किया था कि वह अपने परिवारीजन के लिए दबाव न बनाएं. मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस बात पर जोर दिया. पर हुआ उलटा, देखिये कैसे…

भाजपा ने बस्ती जिले की रुधौली नगर पंचायत से वहां के विधायक संजय जायसवाल की पत्नी संगीता जायसवाल को टिकट दिया है. संजय जायसवाल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.

कई बड़े दावेदारों का टिकट काटकर पार्टी ने संजय को टिकट दिया और अब फिर उनकी पत्नी को. इसी तरह कानपुर के बिठूर के विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए. वह बिठूर से विधायक बनने में कामयाब हुए. इस बार उन्होंने बिठूर नगर पंचायत अध्यक्ष का टिकट अपनी मां डॉ. निर्मला सिंह के लिए हासिल किया है. यह तो बानगी है.

भाजपा ने अभी पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इसमें भी कई ऐसे उम्मीदवार हैं जो पिछली बार भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोंक चुके हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर आक्रोश है कि दूसरे दलों से आये लोगों को फिर महत्व मिला है. हालांकि भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय कहते हैं कि जिसने भाजपा की सदस्यता हासिल कर ली वह तो पार्टी का है. उसे दूसरे दल का नहीं कहा जा सकता है.


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