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केंद्र की पॉलिटिक्स में एक्ट‍िव होगी मायावती, इन्हें बनाया जा सकता है बसपा से यूपी का सर्वे-सर्वा!

file photo


लखनऊ. विधानसभा चुनाव के बाद बसपा में बड़ा बदलाव हुआ है. बसपा मुखिया मायावती ने अपने छोटे भाई भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. लेकिन अचानक मायावती द्वारा अपने छोटे भाई को पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर राजनीति काफी तेज हो गई है. जबकि सब यही सोच रहे हैं कि आखिर क्यों मायावती ने आनंद को अचानक बसपा क इतना बड़ा पद दे दिया. इस पर कुछ वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी अपनी राय दी है.

वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल का कहना है, “मायावती के भाई आनंद कुमार ने 2007 के बाद से कई कंपनियां बनाईं, जिसकी जांच ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर रहा है. ऐसे में उन्हें जांच से बचाने के लिए पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया है. इसके पीछे सोच ये है कि जब वह पॉलिटिकल चेहरा बन जाएंगे तो अगर जांच एजेंसी कोई कार्रवाई करेगी तो मायावती कह सकेंगी कि हमारी पार्टी को प्रताड़ित किया जा रहा है.”

सीनियर जर्नलिस्ट आरके गौतम ने यह कहा, “पिछले 5 साल में मायावती तीन चुनाव हार चुकी हैं. इसमें 2012 विधानसभा चुनाव, 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 विधानसभा चुनाव शामिल है. ऐसे में वह डर रही हैं कि कहीं पार्टी में उनकी लीडरशिप को लेकर विद्रोह न हो जाए. इसकी शुरुआत उनके करीबी कमलाकांत और गंगाराम ने मिशन सुरक्षा परिषद बनाकर कर भी दी है. कोई नया चेहरा सामने आए, उससे पहले ही वह पार्टी का चेहरा अपने भाई आनंद कुमार को बनाना चाहती हैं.:

जबकि वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप कपूर ने यह बताया, “इसके पीछे एक वजह ये भी हो सकती है कि मायावती अब केंद्र की पॉलिटिक्स में खुद को स्थापित करना चाह रही हों. मोदी के खिलाफ गठबंधन की बात पहले से ही चल रही है और मायावती ने भी इसके लिए हामी भरी है. ऐसे में वह इस गठबंधन के सहारे केंद्र की पॉलिटिक्स में एक्ट‍िव हो जाएंगी और भाई को यूपी में पार्टी का सर्वे-सर्वा बना देंगी.”



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