सामने आया इन लकड़ियों का सच, छरहरी दिखने के लिए करती है ये गलत काम
— April 30, 2016
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यलाय के गृह विज्ञान विभाग के द्वारा किये एक सर्व में यह बात सामने आइ है कि आज कल की सवस्थ लड़कियां भी खुद की मोटी समझती है. इनकी तादात कोई हजार या पांच हजार नही बल्कि पुरे भारत की कुल लड़कियों में से 66 फीसदी लड़की इस अंधविश्वास के चपेट में है. इतना ही नहीं ये पतली और छरहरी दिखने के चक्कर में सही तरीके का भोजन भी नही करतीं है. जिससे आगे चलकर इनके लिए बहुत सारी बिमारियों का कारण बन जाता है.
सर्वे के विषय में इलाहबाद विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता श्रीवास्तव के अनुसार यह सर्वे 17 से 22 साल की एक हजार लड़कियों पर किया गया है. साथ ही सर्वे की रिपोर्ट को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एप्लाइड होम साइंस को पूरी तरह से जाँच के लिए भेज दिया गया है.
सर्वे में पता चला कि 52.30 प्रतिशत लड़कियों का खान-पान असंतुलित हो गया है. ये लडकिय वजन घटाने को लेकर काफी कम खाना खाती है. जबकि 38.20 फीसदी लड़कियों ने वजन कम करने और लंबाई बढ़ाने के लिए कोई न कोई उपाय जरूर किया है. कुछ ने फिजूल के दवाओं का सेवन भी किया तो किसी ने हद से ज्यादा फास्टिंग भी किया है ताकि वह स्लिम ट्रिम दिखे.
इस विषय पर जनाकरो का कहना है की आज कल मॉडल्स की औसत लंबाई पांच फीट 10 इंच और औसत वजन 49 किलोग्राम होता है. अगर भारत की बात की जाए तो यहां पर सामान्य तौर पर लड़कियों की औसत लंबाई पांच फीट तीन इंच और वजन 63 किलोग्राम होता है. जोकि बिल्कुल ही सामान्य बात है. इसीलिए इस तरह की वजन वाली किसी भी भारतीय लड़की को अशहज महसूस नहीं करना चाहिए.
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