मोदी सरकार के इस फैसले के कारण गई एक सात महीने के मासूम की जान, उसकी मां की हालत देख रो देंगे आप
— November 11, 2016
Edited by: admin on November 11, 2016.
देश में 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के फैसले से भले ही कालाधन जमाखोरी खत्म करने की बात कही जा रही हो. चाहे भले ही कुछ लोग बीजेपी सरकार की पीठ थपथपाने में लगे हुए हैं लेकिन यह भी सच हैं केंद्र सरकार द्वारा अचनक लिए गये इस फैसले से पुरे देश में खलबली मच गयी हैं. नोट बंद होने से कहीं किसी बेटी की शादी टूट रही है तो कुछ लोग इलाज के आभाव में तड़पने को मजबूर हैं. जबकि कुछ मौतें भी इस वजह से हो गई हैं और अब यह बताया जा रहा है कि एक निजी अस्पताल द्वारा उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में 500 और 1000 न लेने के कारण सात माह के मासूम बच्चे का इलाज नहीं हो पाया और उसने अपना दम तोड़ दिया.
कहा जा रहा है कि इलाज कराने आए उस बच्चे के परिजनों से मऊ के सबसे बड़े निजी अस्पताल कहे जाने वाले सरायलखंशी थाने के फातिमा अस्पताल द्वारा में 500 और 1000 का नोट नहीं लिया गया. जिसके कारण जिले के ही हलधरपुर थाने के सिधवल गांव के निवासी शिवबली गिरी की बेटी के सात माह के मासूम बच्चे की अस्पताल में भर्ती होने के बाबजूद मौत हो गई. जानकारी में मुताबिक बच्चे को निमोनिया हो गया था. जिसके बाद उस बच्चे को अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती किया गया था. साथ ही उन्हें दवा सहित अस्पताल के अन्य नियम कानूनों का पालन करने को भी कहा गया.
बच्चे के परिजन जब वहीं मौजूद दवाखाने से दावा लेने काउंटर पर गए तो उन्होंने दुकानदार को 500-500 के नोट दिए. जिसे दुकानदार ने लेने से मना कर दिया. फिर आननफानन में परिजन खुल्ले पैसे के इंतजाम में जुट गए लेकिन पैसों के इंतजाम होने से पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया था. उसके बाद निराश परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरु कर दिया. उन्होंने बच्चे की मौत का जिम्मदार अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को बताया है.
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साभार:प्रदेश18
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