JIO लेकर आया है रोजाना 3GB डेटा का यह जबरदस्त प्लान, साथ में अनलिमिटेड कॉलिंग भी…
— October 31, 2017रिलायंस जियो इन दिनों अपने प्लान्स में नए नए बदलाव कर रहा है. इसके अंतर्गत अब एक बार फिर JIO…
न्यूज़ डेस्क: योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बालू खनन के मामले को लेकर ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के लिए हरी झंडी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि एनजीटी के इस मामले में जो भी अंतिम आदेश होगा बालू खनन के लिए ई-टेंडरिंग का भविष्य तय करेगा. दरअसल मतलब ये है कि ई टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत नीलामी तो होगी लेकिन इसका भविष्य एनजीटी के आदेश पर निर्भर होगा.
बता दे, योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के आदेश को चुनोती दी थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि बालू खनन के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पारदर्शी और उचित प्रक्रिया है. ऐसे में एनजीटी के अंतरिम आदेश पर रोक लगाई जाए.
दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश में खनन को लेकर शुरू होने जा रही ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर 22 सितंबर को रोक लगा दी थी. प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से पुराने खनन के पट्टे निरस्त करते हुए नए पट्टे ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया था.
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बालू खनन के लिए ई-टेंडर एक अक्टूबर से जारी होने थे. ई-टेंडर जारी होने से ठीक पहले एनजीटी ने यूपी सरकार को झटका देते हुए टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
उत्तर प्रदेश में पहले से ही कई महीनों से ठप बालू खनन के कारण बहुत सारे प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं. घर बनाने में भी लोगों को काफी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बालू की आपूर्ति बड़ी मुश्किल से हो पा रही है.
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