अखिलेश का यह सपना टूट सकता है, इस परियोजना के रास्ते में आई बड़ी मुसीबत
— April 10, 2016
लखनऊ वासियों का अपने प्रदेश में मेट्रो का सपना टूट सकता है. इस परियोजना के लिए पूरी तरह से जमीन राज्य सरकार को नही मिल पा रहा है.
वहां के किसान सरकार से अपनी जमीण के बदले ज्यादा रकम की आश लगा रहें है. इस मामले में किसान वीडीए से यह कह रहे है की भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार सर्किल रेट से चार गुना धन राशी सरकार द्वारा मिलेगी. जबकि उन्हे कालोनाइजर और बिल्डर सरकारी राशी से भी तिन गुना अधिक धनराशी दे रहें है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर बनारस में मेट्रो परियोजना संचालित होनी है. इसके लिए सरकार ने मंजूरी भी दे दी है और मेट्रो का डीपीआर तैयार करके केन्द्र सरकार को भेज दिया गया है. यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए मेट्रो का संचालन बेहद जरुरी माना गया है लेकिन मेट्रो डिपो के लिए जिस स्थान को राइट्स एवं वीडीए ने चिह्नित किया है. वहां पर कुछ जमीन सरकारी है. बाकी जमीन किसानों से खरीदना होगा.
जिसे वहां के किसान बेचने से मना कर रहें है.
इस मामले में वीडीए के अफसर गणेशपुर गांव के किसानों से दो बार बातचीत कर चुके है मगर किसानों ने इंकार कर दिया और उनसे कहा की वे इस विषय में अब कोई बात नही करना चाहते है. जबकि वीडीए के तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार इस बात पर भरोसा जाता रहें है की किसानों को मना लिया जाएगा. साथ ही मेट्रो का काम भी आगे बढेगा.
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