बरारी नरसंहार पर कोर्ट ने लिया ऐतिहासिक फैलसा, पीड़ितों के साथ हुआ न्याय


बरारी नरसंहार पर कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इस केस के मुख्य आरोपी रणवीर को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने उसपर 1 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जबकि कोर्ट का यह भी आदेश है कि उसे तीन साल तक कठोर कारावास में रखा जाए. इस नरसंहार कांड का दूसरा मुख्य आरोपी रणवीर का बेटा है. जिसका केस फ़िलहाल जुविनाइल कोर्ट में सक्रिय है. हालांकि यह नरसंहार का मामला 8 साल पुराना है. जिस पर काफी शोध और खोजबीन के बाद कोर्ट द्वारा अब जाकर निर्णय दिया गया है.


गौरतलब हो कि यह भीषण नरसंहार बुलंदशहर के औरंगाबाद इलाके के बरारी गांव मे हुआ था. कहा जाता है कि वर्ष 2008 में 28/29 जुलाई की रात
बरारी गांव में 55 वर्षीय सुखवीर सिंह की ट्यूबवैल पर सोते समय धारदार हथियार से काटकर मौत के घाट उतार दिया गया था. जबकि उसकी पत्नी(52 वर्ष), पुत्र सूर्यप्रताप और अभिषेक व इनकी पत्नियाँ ममता और लता के साथ सुखबीर के पोते जिसकी आयु 2 वर्ष थी, इस सभी को सोते समय गोलियों से भुन दिया गया था. जिसके कारण इन सभी की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी.

उस दौरान गोलियों की आवाज सुनकर कुछ लोग सुखबीर के घर के तरफ दौड़े लेकिन उन बदमाशों की धमकी के बाद वे सभी उलटे पांव लौट गए. इसके कुछ देर बाद जब वे सभी हत्यारे मौके पर से फरार हो गए. तब जाकर कुछ ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी पुलिस की दी. ग्रामीणों की तहरीर पर पुलिस ने सुखबीर के भाई रणवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. जिस मुकदमें पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.

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