नोट बंदी से यूपी में बीजेपी को है बड़ा खतरा, इंटेलीजेंस ब्यूरो
— November 15, 2016
Edited by: ajit kumar on November 15, 2016.
न्यूज़ डेस्क: लखनऊ, मोदी सरकार के एक फैसले ने पूरे देश को बैंक के लाइन में खड़ा कर दिया है, 500 व 1000 रुपये के नोट अमान्य होने पर खुदरा नोटों की चाहत में लोग रात से ही बैंकों के ATM में लगे हुये है, इस फैसले से कानून ब्वस्था को बनाये रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती लग रहा है. क्योंकि लोगों की भीड़ बहुत अधिक है, और उसी में कही पैसा ATM से खत्म हो जाने के बाद लोगों का धर्य टूट जरा रहा है. जिससे बवाल होने का खतरा बढ़ जाता है. इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) इस निर्णय से कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका की टोह लेने में जुटी है. जनता का मूड समझने का प्रयास भी चल रहा है. आइबी के निदेशक दिनेश्वर शर्मा ने लखनऊ आकर इस बिंदु पर अधिकारियों के साथ चर्चा की. साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के यूपी के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है.
मोदी सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले को समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने आर्थिक इमरजेंसी करार दिया है. सपा सरकार में है और राज्य में बसपा मुख्य विपक्षी दल है. दोनों दल नोटों की वैधता की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. ऊपर से खुदरा नोटों से लिए बैंकों व एटीएम में लंबी लाइनें लग रही हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि छोटे नोटों की उपलब्धता नहीं होने से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. सूत्रों का कहना है कि आइबी को भी ऐसे इनपुट मिले हैं कि बड़े नोटों का चलन बंद होने से मची आपाधापी की आड़ में कानून व्यवस्था बिगाडऩे की कोशिशें की जा सकती हैं. कानून व्यवस्था बिगडऩे पर इसका सियासी लाभ पाने के मंसूबे भी पाले जा रहे है.
सूत्रों का कहना है कि चुनावी साल में प्रधानमंत्री के जल्दी-जल्दी होने वाले दौरों के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों के साथ उन्होंने बातचीत की है. प्रधानमंत्री को चुनाव शुरू होने से पहले से लेकर खत्म होने कर प्रदेश में 24 रैलियां करनी है. इन रैलियों के दौरान की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी आइबी निदेशक ने प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ मंथन किया है.
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