समाजवादी पार्टी राष्ट्रिय के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ अपनी दोस्ती को बरकरार रखना चाहते है. जिसका ऐलान वो कई बार कर चुके हैं. अखिलेश के अभी तक दिए बयानों को अगर ध्यान में रखा जाए तो यह यह कहा जा सकता है कि वे देश की सत्ता पर गैर भाजपाई पार्टी को देखना चाहते हैं. जबकि यदि 20 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की बात की जाए तो अखिलेश देश के पहले नागरिक के पद भी यूपीए द्वारा चुने हुए कैंडीडेट को ही देखना चाहते हैं.
इसके लिए तो वो कई दिनों से सक्रिय भी हैं, जबकि कई बड़े नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं. लेकिन मीडिया में अचानक एक खबर सामने आई है, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि कांग्रेस समर्थित दलों द्वारा चुने हुए किसी कैंडिडेट को राष्ट्रपति के कुर्सी पर देखने की अखिलेश के सपने पर पानी फिर सकता है. बताया जा रहा है कि बड़े राजनेता और सपा को एक नए मुकाम पर पहुँचाने वाले मुलायम सिंह यादव ने ऐनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने पर हामी भर दी है.
हालांकि इसको लेकर उन्होंने एक शर्त भी रखी है. जिसके तहत कैंडिडेट कट्टर भगवा धारी छवि वाला नहीं होना चाहिए. जो भी हो यदि मुलायम का यह फैसला सही होता है तो एक बार फिर से सपा में दो फाड़ मचना तय है. क्योंकि अखिलेश कुनबा NDA का कभी समर्थन नहीं कर सकता है. लेकिन मुलायम और शिवपाल को समर्थित विधायक और सांसद NDA उम्मीदवार को वोट करेंगे.
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