सपा में सबकुछ ठीक करने लिए शिवपाल ने रजत जयंती के लिए उठाया ये कदम ….


न्यूज़ डेस्क: समाजवादी पार्टी में हुये अंतर विरोध को ठीक करने के लिए अपने रजत जयंती में पूरा जोर लगा रही है. शिवपाल यादव इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ना नहीं चाहते. बिखरे हुए समाजवादी आंदोलन को सहेजने के लिए 4-5 नवंबर 1992 को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में हुए दो दिवसीय अधिवेशन में प्रदेश ही नहीं. देश भर के समाजवादी नेता एकत्र हुए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना था. उनकी टीम में जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष और बिहार के कपिल देव सिंह महासचिव चुने गए था.


आज फिर सारे सपा के समाजवादी नेता जूट रहे है इसको लेकर शिवपाल यादव पूरे दम-ख़म से सफल बनाने में लगे हुये है. सपा अपने स्थापना से लेकर 24 सालों में मुलायम की अगुवाई में सपा ने शानदार सियासी सफर तय किया है. दो-ढाई दशक के राजनीतिक पड़ाव में सिर्फ इतना फर्क आया है कि दूसरी पीढ़ी के नेता आगे बढ़ गए हैं. मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव पार्टी का चेहरा बनकर उभरे हैं. खास बात ये है कि संघर्ष के साथ अंतर्विरोध सपा की पहचान बनते गए और पार्टी आगे बढ़ती रही.

सामजवादी पार्टी शनिवार को स्थापना के 25वें साल में रजत जयंती माना रही है. इसकी शुरूआत शनिवार को जनेश्वर मिश्र पार्क में भव्य और विशाल रजत जयंती समारोह से हो गई है. मुलायम ने सपा की स्‍थापना एकाएक नहीं की. यह उनके संघर्षों की लंबी राजनीति का नया पड़ाव था.


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