तौकीर रजा ने हिंदु महिलाओं को लेकर दिया विवादित बयान, कहा, ‘उनके बच्चे को नही पता कि उनका बाप…
— October 17, 2016बरेली: जिले में आयोजित सामाजिक एकता सम्मेलन में आॅल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने हिंदु…
यूपी के सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी माने जाने वाली पार्टी सपा में चाचा भतीजे के बीच के तनातनी के बाद पिता और बेटे के बीच की खाई और भी गहरी हो गई है. जैसा की आप देख रहे हैं कि सपा में अब मुख्यमंत्री अखिलेश और पार्टी मुखिया अखिलेश के बीच भी अलगाव बढ़ने लगा है इसका एक उदहारण के सपा पार्टी मुख्यालय पर भी देखा गया. जहां मुलायम ने अखिलेश के अगले मुख्यमंत्री बनने वाले बयान को खारिज करते हुए कहा था कि सपा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह विधानमंडल तय करेगा. मुलायम के इस बयान पर मुख्यमंत्री अखिलेश के सपा से अगला मुख्यमंत्री बनने पर संदेह जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
जबकि उनके कहने पर ही अखिलेश ने खनन मामले में आरोपी बर्खास्त मंत्री गायत्री प्रसाद को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. इसके अलावा मुलायम हमेशा से ही शिवपाल करीब रहे हैं. उन्हें वो पार्टी का जमीनी नेता मानते है. इससे पहले भी उन्होंने यह जिक्र किया था मैंने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाकर भूल कर दी शिवपाल ने मुझे मान किया था.
इस तरह आप यह देख रहे हैं कि सपा मुखिया हमेशा शिवपाल के पक्ष में ज्यादा खड़े हो रहे हैं. जबकि उनकी यह बात की विधानमंडल ही मुख्यमंत्री को चुनेगा. इसके कई मायने निकाले जा रहें हैं. अगर मौजूदा समय को देखे तो शिवपाल के समर्थन में कई विधायक है और यह भी उम्मीद की जा रही हैं कि सपा मुखिया मुलायम को समर्थन देने वाले सारे विधायक भी शिवपाल के साथ ही खड़े हो सकते हैं.
ऐसे में अखिलेश के समर्थन में काफी कम विधायक खड़े हो सकते हैं. इस स्थिति को यह कहा जा सकता हैं कि पिता और बेटे के लड़ाई में शिवपाल का बड़ा फायदा हो सकता हैं और ये भी हो सकता है कि अगले चुनाव के में जीत के बाद विधानमंडल शिवपाल को ही अपना नेता चुन ले. हालांकि इस बात को पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता हैं. इसका केवल अनुमान लगाया जा सकता हैं.
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