महिलाओं में तेजी से बढ़ रही यह बीमारी, डॉक्टरो के पास भी नहीं इसका ईलाज


इन दिनों महिलाओ में स्तन कैंसर का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है. इस बीमारी में महिलाओं के स्तन में गांठ पड़ जाती है, जसमें काफी दर्द हो सकता है. इसके साथ ही इसमें सुजन आ जाती है. कई बार तो इसमें पश भी हो जाता है जो की ठीक होने का नाम नहीं लेता. यह गम्भीर संक्रमण का रूप धारण कर लेता है.


इस तरह का संक्रमण ज्यादातर उन महिलाओं में देखा जा रहा है जो बच्चे को स्तनपान कराती हैं. टीवी और मधुमेह से पीड़ित महिलाओं को भी यह संक्रमण हो रहा है. मौजूदा समय में तो यह संक्रमण उन युवतियों को भी हो रहा है जिन्हें कभी कोई बीमारी नहीं हुई.

इस पर डॉक्टरों का कहना है कि पिछले पांच साल के दौरान ऐसे मामलों में 50 फीसद का इजाफा हुआ है. अभी भी हर महीने लगभग 6 नए मामले सामने आ रहे हैं. पांच साल पहले महीने-दो महीने में ऐसे इक्का-दुक्का मामले ही सामने आते थे.

डाक्टरों ने यह भी बताया की पहले जहां अधेड़ उम्र की महिलाओं को यह संक्रमण हो रहा था वहीं अब इसकी चपेट में युवा लड़कियां भी आ रही हैं. पहले 40 की उम्रसीमा में पहुंची महिलाओं को यह बीमारी हो रही थी लेकिन अब 20-30 साल की युवतियों को भी यह संक्रमण हो रहा है.


चिंता का विषय यह है कि डॉक्टरों और कैंसर विशेषज्ञों को इसके कारण का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. वे निश्चित तौर पर केवल इतना ही बता पा रहे हैं कि यह कैंसर नहीं है. वैसे तो इसके बारे में कई चीजें कही जा रही हैं लेकिन पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है. रुबी हॉल क्लीनिक में स्तन सर्जन परामर्शदाता डॉक्टर अनुपमा माने बताती हैं कि इसकी चपेट में आने की उम्र में बदलाव और इसकी बढ़ती संख्या चिंता का कारण है.

इसके अलावा वरिष्ठ स्तन कैंसर सर्जन डॉक्टर सी.बी. कोप्पिकर बताते है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ा है लेकिन किसी को नहीं पता कि एकाएक होने वाले इस स्तन संक्रमण का कारण क्या है? उनके अनुसार ऐसे मामले पहले भी सामने आए थे. लेकिन तब ना तो ये इतने गंभीर थे और ना ही इनसे प्रभावित लोगों की इतनी संख्या ही थी.

इसके अलावा इस संक्रमण को लेकर लेकर टाटा मैमोरियल अस्पताल के विशेषज्ञों ने भी हैरानी जाहिर की है. यहां जेनेटिक्स विभाग के प्रमुख डॉक्टर राजीव सरीन का कहना ही की यह बीमारी अब आम होती जा रही है जबकि ऐसे मामले काफी दुर्लभ हुआ करते थे. उन्होंने इसे चिंता का विषय बताया और कहा की इस पर गहन शोध की जरुरत है, ताकि इस पर नियत्रण किया जा सके.


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